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मध्याह्न भोजन खा रहे बच्चों के ऊपर गिरी छत, दो छात्राओं समेत तीन की हालत गंभीर

औरंगाबाद : सदर प्रखंड के फेसर मध्य विद्यालय में सोमवार को मध्याह्न भोजन खा रहे बच्चों के ऊपर छत गिर गयी. इसकी चपेट में आने से दो छात्रा और एक रसोइया गंभीर रूप घायल हो गये. पता चला कि उक्त स्थान पर बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे, तभी छत का निचला हिस्सा टूट कर […]

औरंगाबाद : सदर प्रखंड के फेसर मध्य विद्यालय में सोमवार को मध्याह्न भोजन खा रहे बच्चों के ऊपर छत गिर गयी. इसकी चपेट में आने से दो छात्रा और एक रसोइया गंभीर रूप घायल हो गये. पता चला कि उक्त स्थान पर बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे, तभी छत का निचला हिस्सा टूट कर गिर पड़ा. इसके बाद विद्यालय में अफरा-तफरी मच गयी. घटना में आठवीं क्लास की छात्रा नेहा कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गयी. इसके अलावा मुस्कान कुमारी और रसोइया शांति देवी भी घायल हुई हैं.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार सिंह ने तत्काल इलाज के लिए छात्रा नेहा को सदर अस्पताल पहुंचाया. जानकारी मिली कि सदर अस्पताल में इलाज के बाद स्थिति गंभीर देखते हुए नेहा को चिकित्सकों ने रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज जमुहार गये हैं. प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो चुका है. अक्सर विद्यालय की छत टूट-टूट कर गिरती रहती है. मरम्मत कराने के लिए कई बार विभाग को पत्र भी भेजा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
बता दें कि बच्चों को मध्याह्न भोजन खाने के लिए कहा गया और जब बच्चे बरामदा में खाने लगे, तो इसी बीच अचानक छत का कुछ हिस्सा टूट कर गिर गया, जिससे एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गयी. घटना की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे दी गयी है. इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी मो अलीम ने बताया कि घटना की सूचना पर अस्पताल पहुंचे और छात्रा का हाल जाना. उन्होंने कहा कि विद्यालय मरम्मत के लिए विभाग द्वारा फंड दिया जाता है, लेकिन लापरवाही और मनमानी के कारण कार्य नहीं कराया जाता है. इसकी जांच करायी जायेगी.
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
औरंगाबाद के अधिकतर पुराने विद्यालयों का हाल जर्जर है. पूर्व में भी कई विद्यालयों की छत टूट कर गिरे थे और कई विद्यार्थी बाल-बाल बचे थे. औरंगाबाद शहर में गांधी मैदान के समीप सरकारी विद्यालय का छज्जे दो बार पूर्व में टूट कर गिर गया था. गनीमत रही कि उस वक्त बच्चे बाहर में खेल रहे थे. इसी तरह सदर प्रखंड के केशोपुर सरकारी विद्यालय भी अचानकभरभरा कर गिर गया था. घटना के समय बच्चे विद्यालय में नहीं थे. सबसे बड़ी बात यह है कि उस विद्यालय का भवन कुछ माह पूर्व ही बनाया गया था. वैसे भी सरकारी विद्यालयों के भवन निर्माण में अक्सर ठेकेदार द्वारा पदाधिकारियों के मिलीभगत से अनियमितता बरती जाती है और समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते भी रहते है.

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