औरंगाबाद़ : नवीनगर के कर्मा लहंग गांव निवासी व निर्भया कांड के दोषी अक्षय ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद पूरा परिवार दुखी हो गया
अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता सिंह कुछ बोल नहीं पा रही है़ उसके साथ अजीब सा धर्मसंकट है़ आखिर वह अपने बच्चे को कैसे और किस मुंह से बताये कि उसके पिता की सजा पर हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है. इधर, अक्षय के पिता सरयू सिंह, मां मालती देवी, भाई अजय व मणिकांत भी काफी उदास दिखे. वैसे तो इनलोगों ने इसे अपनी नियति मान ली है और उनकी आंखों के आंसू भी जैसे सूख गये हैं.
हालांकि अक्षय की फांसी की सजा बरकरार रखे जाने की खबर को सुन कर उन्होंने अपने कलेजे को और कड़ा करते हुए पहले तो चुप्पी साध ली. फांसी की सजा बरकरार रखे जाने की खबर के बाद जब परिवारवालों से संपर्क किया गया, तो परिजनों ने सीधे तौर पर यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें कुछ नहीं कहना है. उन्हें यह जानकारी नहीं है कि अक्षय ठाकुर की फांसी को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा है.