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10 का वादा, पर 45 मिनट बाद पहुंची एंबुलेंस 102

औरंगाबाद कार्यालय : वैसे तो औरंगाबाद सदर अस्पताल में एंबुलेंस की संख्या पांच है. 102,108 और 1099 की सेवा रेफर मरीजों को दी जाती है. साथ ही किसी दुर्घटना में या अस्वाभाविक मौत होने के बाद शव को घर पहुंचाने के लिए शव वाहन की भी व्यवस्था है, पर ये सारी सेवाएं बेकार साबित हो […]

औरंगाबाद कार्यालय : वैसे तो औरंगाबाद सदर अस्पताल में एंबुलेंस की संख्या पांच है. 102,108 और 1099 की सेवा रेफर मरीजों को दी जाती है. साथ ही किसी दुर्घटना में या अस्वाभाविक मौत होने के बाद शव को घर पहुंचाने के लिए शव वाहन की भी व्यवस्था है, पर ये सारी सेवाएं बेकार साबित हो रही हैं.

गंभीर मरीज को अगर एक घंटे के भीतर किसी अस्पताल में पहुंचाना हो, तो संभव है कि उसे एंबुलेंस सेवा का फायदा नहीं मिल पायेगा और उसकी जान भी जा सकती है. रविवार की सुबह सदर अस्पताल में जब एंबुलेंस सेवा की पड़ताल की गयी, तो एंबुलेंस प्रोवाइडर एजेंसी ने लगभग 45 मिनट की देर कर दी. विनोद कुमार नामक व्यक्ति ने 102 एंबुलेंस कंपनी को यह कहते हुए सेवा

10 का वादा, पर…
मांगी कि उसे मरीज को ले जाने के लिए तत्काल एंबुलेंस की आवश्यकता है. एंबुलेंस कंपनी की महिला काउंसलर ने उन्हें 10 मिनट के भीतर सेवा दिये जाने का आश्वासन दिया, पर 10 मिनट 45 मिनट में बदल गये. इसी तरह 1099 और 108 का भी हाल यही है. जब तक अस्पताल के उपाधीक्षक और मैनेजर हरी झंडी नहीं दिखा देते, तब तक एंबुलेंस सेवा मरीज को नहीं मिल पाती. वैसे सरकारी एंबुलेंस के चालकों के खिलाफ पूर्व में मरीजों से पैसे मांगने की शिकायत अस्पताल प्रबंधन को मिल चुकी है. जहां तक एंबुलेंस की बात है, तो पांच एंबुलेंस में तीन की हालत ठीक नहीं है.

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