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सर्द हवाओं का सितम हुआ शुरू, 10 डिग्री पहुंचा तापमान, कनकनी बढ़ी
अभी और बढ़ेगी ठंड बुजुर्ग और बच्चों की बढ़ी परेशानी औरंगाबाद सदर : तेज हवा के चलने से तापमान में तेजी से बदलाव आने लगा है. सुबह होते ही सर्द हवा ने सितम ढाना शुरू कर दिया है. धूप के बावजूद भी ठंडी हवा के कारण कनकनी बढ़ गयी है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 […]
अभी और बढ़ेगी ठंड
बुजुर्ग और बच्चों की बढ़ी परेशानी
औरंगाबाद सदर : तेज हवा के चलने से तापमान में तेजी से बदलाव आने लगा है. सुबह होते ही सर्द हवा ने सितम ढाना शुरू कर दिया है. धूप के बावजूद भी ठंडी हवा के कारण कनकनी बढ़ गयी है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहा. पछिया हवा चलने से दिन में भी हाड़ कंपाती ठंड ने लोगों को अपने घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है.
कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस के वैज्ञानिकों के अनुसार अब ठंड में तेजी से वृद्धि होगी. सुबह व शाम में कनकनी बढ़ेगी. अगले 7 दिनों में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तक आ सकता है. बदलते मौसम के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्ग व जवान तक सभी बुखार, सर्दी-खांसी से परेशान हो रहे हैं. बढ़ती ठंड के कारण बड़ों के कामकाज व बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. इसकी चपेट में आने वालों की संख्या अस्पतालों में बढ़ गयी है.
इन बातों का रखें ध्यान, खांसते समय मुंह पर रूमाल रखें : खुले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें. फलों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं. दूसरे के रूमाल का प्रयोग न करें. घर में रुके हुए पानी को साफ करें. सफर में घर का बना भोजन ही करें. मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. बाहर के खाने से दूर रहे. बच्चे को धूल-मिट्टी से दूर रखें. बच्चे के आस-पास कोयला, कागज और लकड़ी नहीं जलायें.
यह शिकायत है तो हो जाएं अलर्ट :
छीकें आना, खांसी होना, तेज बुखार, सांस का तेजी से चलना, उल्टी और दस्त होना, बच्चे का सुस्त रहना, खांसी और छींक आने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
ठंड में सतर्कता जरूरी : ठंड में गर्म कपड़ों के बिना बाहर नहीं निकले, साइकिल व बाइक चलाने वाले व्यक्ति खूब अच्छे से पैक होकर ही सड़क पर निकलें, बासी भोजन या ठंडा पानी न पीएं, खुली जगह पर ज्यादा देर नहीं बैठें और न ही खुली जगह पर गर्म पानी से स्नान करें, बच्चों को गर्म कपड़ा पहना कर ही कमरे से निकालें.
महसूस होने लगी अलाव की जरूरत : ठंड के बढ़ते ही जनजीवन पर असर दिखने लगा है. रविवार की रात सड़क पर खुले में जीवन यापन करने वालों की मुश्किलें बढ़ गयी है. शहर में कहीं भी शेड वाली जगह नहीं होने के कारण लोगों को आसमान के नीचे समय बिताना पड़ रहा है. ऐसे में सर्द हवा के कारण ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है और अलाव की जरूरत महसूस होने लगी है. गौरतलब है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में शहर के चौक-चौराहों पर अलाव गिरा दिये जाते थे. लेकिन, इस बार देर से ठंड पड़ने की वजह से यह पहल अब तक नहीं की गयी है.
इन्फेक्शन, खांसी, निमोनिया व अस्थमा का बढ़ा खतरा
सर्दियों का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. इसकी वजह उनमें प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना न के बराबर हो जाती है. हर उम्र के लोगों को वायरल, निमोनिया, डायरिया और एलर्जी जैसी बीमारी होने लगती हैं. बच्चों का शरीर नीला पड़ जाता है. दूसरी सबसे बड़ी वजह सर्दी में वायरस का तेजी से बढ़ना है. सर्दी में तापमान कम होने से वायरस तेजी से बढ़ते हैं. सर्दियों में लोगों का एक ही कमरे में ग्रुप बनाकर रहना खतरनाक है.
अगर किसी एक को भी संक्रमण हुआ तो दूसरे तक आसानी से पहुंचता है. इसलिए हो सके तो अलग-अलग कमरे में सोये. खासतौर से मरीज को अलग स्थान पर रखें. इधर दो दिन पूर्व अचानक ठंड के बढ़ने से बुजुर्ग व बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है. ऐसे समय में थोड़ी सी असावधानी लोगों को बीमार बना सकती है. चिकित्सकों की मानें तो ठंड में गर्म कपड़ों के साथ खानपान की आदतों में भी बदलाव जरूरी है.
बरतें सावधानी, रखें सेहत का ध्यान
बदलते मौसम में हर किसी से हाथ मिलाने से बचें. अगर, बहुत जरूरी है तो हाथ मिलाने के फौरन बाद साबुन या डिटॉल से अच्छी तरह हाथ धो लें. खासतौर से बुजुर्ग और बच्चों को इस बदलते मौसम में अलर्ट रहने की जरूरत है. बच्चों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में न ले जाएं. लगातार खांसी और छींक आ रही है तो डॉक्टर से दिखाएं. शुरुआती दौर में उपचार कर लेने से अधिक ठंड में दिक्कत नहीं होगी.
डॉ आसित रंजन, हेल्थ वर्ल्ड, राष्ट्रीय राजमार्ग दो
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