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बिहार के अरवल में दो NH पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा, अतिक्रमण से सिकुड़ती जा रही राष्ट्रीय राजमार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 का स्थिति दयनीय है. जहां फुटपाथ दुकानदारों का सड़क पर कब्जा है. इसी रास्ते औरंगाबाद से पटना जाने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों का भी आना जाना लगा रहता है.

अरवल की सड़कें दुकानों से सजी हुई हैं, जबकि फुटपाथों पर राहगीरों को पैदल चलने को नहीं मिल रहा. फुटपाथों पर बाइक व दुकानदारों ने अस्थाई तरीके से कब्जे कर लिया है. जिसको लेकर यातायात और नगर परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. शहर के दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह हालात आसानी से देखे जा सकते है. जिन पर दुकानदारों ने अपना सामान जमा कर रखा हुआ है. वही सड़क पर ही टेंट बनाकर दुकानें सजाई गयी है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 139 का भी स्थिति दयनीय

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 का भी स्थिति दयनीय है. जहां फुटपाथ दुकानदारों का सड़क पर कब्जा है. इसी रास्ते औरंगाबाद से पटना जाने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों का भी आना जाना लगा रहता है. वही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 110 पर सड़क किनारे ही तिलकुट की दुकाने सजी हुई है और कई जगहों पर फल कि भी दुकानें सजी है. जब शाम हो जाता है तो ग्राहकों की भीड़ काफी बढ़ जाती है. कभी कभार तो इस सड़क पर दो पहिये वाहनों का परिचालन भी मुश्किल हो जाता है.

2018 में चलाया गया था अभियान

शहरवासियों के साथ ही इस पथ पर आवाजाही करने वाले लोगों की परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान 2018 में चलाया गया था. इस अभियान के तहत सड़क पर लगने वाली दुकानों को हटाया गया था. अतिक्रमण हटाए जाने के बाद फिर से दुकान लगाने वालों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी. अतिक्रमण हटाए जाने के बाद लोगों की परेशानी काफी कम हो गई थी. लगता था कि अब इस पथ पर आने जाने में परेशानी नहीं होगी. हालांकि प्रशासन के इस कार्रवाई के खिलाफ भाकपा माले की अगुवाई में फुटपाथ के दुकानदार एकजुट हुए थे. वे लोग वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने तक इसे छोड़ने को तैयार नहीं थे.

प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ हुआ था आंदोलन 

फुटपाथ के दुकानदारों की संगठन बनी और उन लोगों ने प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन भी किया. धीरे-धीरे समय बीतता गया और एक एक कर फिर उसी स्थान पर दुकानें सजने लगी. दूसरी ओर नगर के गली-मोहल्लोंं में निर्माण सामग्री सड़क पर बिखरी पड़ी होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. निर्माण कार्य में उपयोगी रेत, गिट्टी, ईंट, लोहा आदि सामग्री सड़क पर बिखरे होने से गली-मोहल्लो सहित यातायात पर भी इसका असर पड़ता है.

दुकानदार कर रहे मनमानी

बिल्डिंग मटेरियल की सप्लाई करने वाले दुकानदार भी अपनी मनमानी चला रहे हैं. शहर की सभी सड़कों पर संचालित हार्डवेयर के दुकानदार सड़क पर गिट्टी व अन्य सामान रखते हैं. दिन में लोडिंग व अनलोडिंग के वक्त ट्रकों की वजह से जाम भी लगता है. वहीं शहर के अलग-अलग इलाकों में सड़क पर बिना किसी रोक-टोक के बिल्डिंग मटेरियल का सामान डालकर बेचा रहा है. बिल्डिंग मटेरियल सड़क पर फैलने से अक्सर दो पहिया वाहन चालक फिसल कर गिर पड़ रहे हैं. शहर की मुख्य सड़क का तो कुछ ऐसा आलम है कि यहां अकसर जाम की समस्या बनी रहती है. जिससे राहगीरों एवं स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां आए दिन ओवर लोड भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है.

2018 के बाद नहीं चला अभियान

शहर में 2018 के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चला ही नहीं. हालंकि जिला स्तर पर होने वाली सड़क सुरक्षा कि बैठकों में बार बार घोषणा किया जाता है कि सड़क को अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा अभियान चलाकर. लेकिन उसके बाद जिला प्रशासन भी भूल जाती है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

अरवल के एसडीओ दुर्गेश कुमार का कहना है कि सड़क किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदारों को पहले भी चेतावनी दी गई है, लेकिन वे लोग मनमानी कर रहे हैं. जल्द ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा.

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