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मानदेय नहीं मिलने से आंगनबाड़ी सेविकाओं में मायूसी

करपी(अरवल) : तीन साल से छह साल तक के बच्चों को अपने बच्चों की तरह लालन पालन एवं बोलना चलना सिखाने वाले आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को पिछले 10 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है. इसमें कुछ सेविका सहायिका ऐसी भी है की उनका गुजारा इस मानदेय के पैसे से ही होता है. […]

करपी(अरवल) : तीन साल से छह साल तक के बच्चों को अपने बच्चों की तरह लालन पालन एवं बोलना चलना सिखाने वाले आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को पिछले 10 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है. इसमें कुछ सेविका सहायिका ऐसी भी है की उनका गुजारा इस मानदेय के पैसे से ही होता है. जो की उनके पदाधिकारी एवं सरकार भी इस बात को जानती है. इसके बावजूद भी इन लोगों को 10 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है. सेविकाओं ने बताया की हम लोगों को एक कुशल मजदूर को मिलने वाली मजदूरी भी मानदेय के रूप में नहीं मिलती. वह भी कभी भी समय पर नहीं मिलती.

जबकि होली जैसा महत्वपूर्ण पर्व भी कुछ ही दिनों में आने वाली है. इस पर्व में गरीब हो या अमीर सभी लोग अपने आर्थिक स्थिति के अनुसार बच्चों के लिये कपड़ों की खरीदारी करते हैं. इस पर्व में पकवान का भी बनना जरूरी होता है. सेविकाओं को पिछले 10 माह से मानदेय नहीं मिल सका है.

कुछ सेविकाओं ने बताया की रोजमर्रा के सामान तो अपने गांव की दुकान से उधार ले लेती हूं. लेकिन होली जैसे पर्व में बच्चों के लिये कपड़ो की खरीदारी के लिये किसी बाजार में ही जाना पड़ेगा. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण कपड़ों की खरीदारी भी नहीं कर सकती. क्योंकि वह दुकानदार उधार नहीं देगा. यदि होली के पहले मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो कुछ सेविकाओं को ऐसे में गांव के किसी व्यक्ति से व्याज पर पैसे लेकर बच्चों के लिये कपड़ों की खरीदारी करना मजबूरी हो जायेगी. सेविकाओं ने जिलाधिकारी से मानदेय भुगतान कराने की मांग की है.

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