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प्रीति एडीएम और ज्योति बनी डीएसपी
रमेश कुमार, मखदुमपुर : सफलता उन्हें ही मिलती है जो कार्य को दिल, मेनहत और लग्न से करते हैं. चाहे वह बेटों की शिक्षा का हो या बेटियों की शिक्षा का. बेटियां बेटों से कम नहीं हैं, बस उन्हें अच्छी शिक्षा, संस्कार देने की जरूरत है. सफलता उनके कदम चूमेंगी. जी हां! इसी तरह की […]
रमेश कुमार, मखदुमपुर : सफलता उन्हें ही मिलती है जो कार्य को दिल, मेनहत और लग्न से करते हैं. चाहे वह बेटों की शिक्षा का हो या बेटियों की शिक्षा का. बेटियां बेटों से कम नहीं हैं, बस उन्हें अच्छी शिक्षा, संस्कार देने की जरूरत है.
सफलता उनके कदम चूमेंगी. जी हां! इसी तरह की सफलता नेर गांव के मूल निवासी सह बाजार निवासी सुरेंद्र गुप्ता के बेटियों ने कर दिखाया है.
श्री गुप्ता की चारों बेटियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता का परचम लहराते हुए कोई एडीएम तो कोई डीएसपी बनी है. हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग के आये रिजल्ट में उनकी दो बेटियाें ने सफलता हासिल की है.
उनकी बेटियों प्रीति कुमारी और ज्योति कश्यप ने यह सफलता प्रथम प्रयास में ही हासिल की है. उनकी दो बेटियां पूर्व में भी प्रोफेसर व बैंक में नौकरी करती आ रही हैं. बेटियों की सफलता पर मां रीता देवी खुशी का इजहार करते हुए बताती हैं कि बेटियों की सफलता पर उन्हें नाज है.
उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी विजेता एलन मिश्रा कॉलेज में प्रोफेसर है, जबकि दूसरी बेटी रोशनी बैंक में कार्यरत है. वहीं तीसरी और चौथी बेटी ने बीपीएससी परीक्षा में सफलता पाकर घर का मान-सम्मान बढ़ा दिया.
सफलता पर खुशी का इजहार करते हुए प्रीति ने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा ज्ञानदीप स्कूल लड़ौआ में हुई.
वर्ग छह से माध्यमिक तक शिक्षा नवोदय विद्यालय से किया. उन्होंने बताया कि सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग भी किया और इस दौरान लगभग दो साल तक सोलर एनर्जी में नौकरी भी की, लेकिन पढ़ाई जारी रखी. 2011 में घर-परिवार के लोगों ने मेरी शादी पटना के महेंद्रू सौरभ आनंद से कर दिये. ससुराल के लोग पढ़ाई जारी रखने में मदद किया.
2016 में निकली बीपीएससी में पहली बार आवेदन किया व सफलता मिली. प्रीति का चयन बिहार प्रशासनिक सेवा में हुई है. वहीं छोटी बहन ज्योति कश्यप ने बताया कि दोनों बहनें एक ही साथ पढ़ती थीं. दोनों बहनें खुद से पढ़ाई कर सफलता प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि मेरा भी चयन बिहार पुलिस सेवा में हुआ है. हमारी भी शिक्षा की शुरुआत लड़ौआ ज्ञानदीप से ही हुई है.
वनस्थली विद्यापीठ से माध्यमिक शिक्षा और मगध विश्वविद्यालय से आगे की शिक्षा हासिल की. उन्होंने बताया कि सीए की परीक्षा पास की है. इसके बाद कैरियर को चेंज करते हुए सिविल सेवा की तैयारी में जुट गयीं और 2016 में आवेदन किया तो सफलता मिली है. दोनों छात्राओं की सफलता पर खुशी इजहार करते हुए स्कूल के निदेशक नागेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों बहनें मेरे स्कूल की विद्यार्थी रही हैं.
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