अनदेखी. हाल प्राथमिक विद्यालय अमराचौकी का, खेलने की जगह नहीं
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एक कमरे में पढ़ते हैं वर्ग पांच तक के बच्चे, विभाग बेखबर
अनदेखी. हाल प्राथमिक विद्यालय अमराचौकी का, खेलने की जगह नहीं अरवल : शिक्षण के व सरकार की व्यवस्था को मुंह चिढ़ाने रहा है प्राथमिक विद्यालय अमराचौकी. उक्त विद्यालय के एक कमरे में वर्ग एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन का कार्य करना मजबूरी है क्योंकि उक्त विद्यालय का निर्माण वर्षों पूर्व कराया गया […]
अरवल : शिक्षण के व सरकार की व्यवस्था को मुंह चिढ़ाने रहा है प्राथमिक विद्यालय अमराचौकी. उक्त विद्यालय के एक कमरे में वर्ग एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन का कार्य करना मजबूरी है क्योंकि उक्त विद्यालय का निर्माण वर्षों पूर्व कराया गया था.
जिस समय इस विद्यालय में मात्र तीसरे वर्ग तक के लिए शिक्षण का कार्य किया जाता था,
लेकिन सरकार द्वारा उक्त विद्यालय में पांचवीं कक्षा तक का शिक्षण देने के लिए वर्षों पूर्व प्रावधान किया गया. जबकि विद्यालय के भवन के निर्माण की दिशा में कोई कारगर पहल नहीं किया गया, जिस कारण एक कमरे में बैठकर विद्यालय के 175 नामांकित बच्चे पठन-पाठन का कार्य करते हैं.
इन बच्चों को शिक्षण का कराने के लिए तीन शिक्षक की तैनाती की गयी है, जिसमें दो महिला शिक्षिकाएं हैं. विद्यालय के सटे एमडीएम के एक किचेन शेड व एक शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन विद्यालय के बच्चों को खेलने के लिए थोड़ी सी भी जगह नहीं है. विद्यालय के बच्चे एक कमरे में बैठने को मजबूर हैं, वह भी फर्श टूटी-फूटी है. बरसात के समय में विद्यालय के छत से पानी का रिसाव भी होता रहता है, इस कारण बच्चे उक्त दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जिस दिन बच्चों की उपस्थित शत-प्रतिशत होती है उस दिन बच्चों को पेड़ के छांव में बैठकर पढ़ाई करना मजबूरी हो जाती है. इस संबंध में दीनानाथ ने बताया कि विद्यालय में कमरे की कमी रहने के कारण बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पांच कक्षा तक के लिए एक कमरे उपलब्ध रहने के कारण बच्चों को खुले आसमान व पेड़ की छांव में बैठकर पढ़ाई-लिखाई करते हैं
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