गड़हनी.
प्रखंड में लंपी बीमारी का प्रकोप बढ़ने से प्रखंड के पशुपालकों में हड़कंप मच गया है. आये दिन किसी न किसी गांव के जानवर की मौत हो रही है. प्रखंड के बगवां में अभी तक करीब 10 जानवरों की मौत हो चुकी है. बगवां, धमनियां, सहंगी, भेड़री सहित प्रखंड के करीब-करीब सभी गांवों में जानवर में लंपी बीमारी फैलने से बीमार हो रहे हैं. इस बीमारी में दवा भी काम नहीं कर रहा है.यदि लक्षण दिखते ही इलाज शुरू होगा, तो जान बच सकती है. रविवार को बगवां में भुटेला पांडेय की गाय के बछड़े की मौत हो गयी. यह बछड़ा कई दिनों से बीमार था तथा इलाज चल रहा था, लेकिन रविवार को उसकी मौत हो गयी. पिछले सप्ताह बगवां में घनश्याम सिंह, राणा सिंह, बृजमोहन पांडेय की गायों की मौत हो चुकी है. लगातार जानवरों की मौत से पशुपालकों में भय व्याप्त हो गया है. पिछले सप्ताह प्रखंड में 69 सौ जानवरों का टीकाकरण पशु पालन विभाग के द्वारा किया गया था, लेकिन टीकाकरण से जानवरों का कोई फायदा नहीं है. पशु पालक 1962 नंबर पर फोन कर ” मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई ” को बुलाकर इलाज करा रहे हैं, लेकिन प्रखंड में करीब 55 गांव हैं और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की गाड़ी मात्र एक ही है, जिसके कारण समय पर सबके पास नहीं पहुंचना मुश्किल है. इसके कारण लोग प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं. पुश चिकित्सा पदाधिकारी ने बताये उपायेप्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी सीके निराला ने बताया कि इस समय लंपी बीमारी काफी फैल चुका है. बहुत पशु इसकी चपेट में आ गये हैं. इस समय कोई टीकाकरण नहीं कराना है. बहुत प्राइवेट लोग टीकाकरण को लेकर गांव-गांव घूम रहे हैं, लेकिन जानवरों को दिलवाना नहीं है. जब इसका प्रकोप कम होगा तब जाकर टीकाकरण किया जायेगा. इसके लिए सरकार वैक्सीन भेजेंगी. जिस जानवर को लंपी का लक्षण दिख रहा है इसको घरेलू उपाय बहुत कारगर है. साथ ही बताया कि पान का पता, गोल मिर्च, काला नमक, गुड़ का बराबर मात्रा लेकर कूट लीजिए, छोटा छोटा गोली बनाकर दिन में तीन बार दीजिए बहुत ज्यादा करेगा. शुरुआत में लक्षण दिखने पर इसका इलाज किया जाये तो जान बच सकती है. जिसको पूरी तरह रोग जकड़ लिया और जानवर कमजोर है तो नहीं बचेगा. लक्षण दिखने ही घरेलू उपचार शुरू कर दे और डॉक्टर से मिलकर सलाह जरूर ले.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

