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मातृ-शिशु अस्पताल से लोगों को होगी सुविधा

जिले को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं. इन उपलब्धियां से जिलेवासियों को काफी लाभ मिल रहा है.

आरा. जिले को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं. इन उपलब्धियां से जिलेवासियों को काफी लाभ मिल रहा है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल सहित सभी रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र में मरीज को कई तरह की सुविधा दी जा रही हैं. इससे मरीजों को काफी लाभ हो रहा है. उन्हें जिले में ही अपने इलाज का प्रबंध मिलने लगा है. ऐसे में उन्हें काफी सुविधा हो रही है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी कई तरह के विकास कार्य किये गये हैं. छात्रों को काफी सुविधा हो रही है एवं उनके ज्ञानवर्धन में काफी सहयोग मिल रहा है. 21.79 करोड़ की लागत से बने 100 बेड के मातृ-शिशु अस्पताल से लोगों को होगा लाभ : विगत 10 अगस्त 2025 को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सदर अस्पताल परिसर में निर्मित 100 शैय्या वाले मातृ शिशु अस्पताल का उद्घाटन किया. इससे महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा. इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. वही 257.4 लाख की लागत से नव निर्मित 6 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर प्री फैब की सौगात भी जिले को वर्ष 2025 में मिली. इसके साथ 116 लाख की लागत से नव निर्मित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण कार्य का उद्घाटन हुआ. जबकि 23.75 करोड़ की लागत से 50 शैय्या वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास भी 10 अगस्त 25 को स्वास्थ्य मंत्री ने किया. इसमें तेजी से कम हो रहा है. आगामी तीन माह में तैयार हो जाने की संभावना बताई जा रही है. इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कार्य हो रहा है. मरीजों को काफी लाभ हो रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में मिली है कई तरह की उपलब्धियां : शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2025 में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में 877 हेड टीचर की बहाली हुई है. डीपीओ रमेश पाल ने बताया कि इससे जिले में शिक्षा की रफ्तार तेज हुई है. बच्चों को सुविधा मिली है तथा पढ़ाई व्यवस्थित हुई है. वहीं उच्च विद्यालय एवं प्लस टू विद्यालयों में 118 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की गयी है. ऐसे में शिक्षा की स्थिति काफी व्यवस्थित हुई है. वहीं प्रधानमंत्री शिक्षा विकास योजना के तहत विद्यालयों में दो – दो टीवी उपलब्ध कराये गये हैं. ताकि इससे पढ़ाई में सुविधा हो सके. इस आधुनिक तकनीक से बच्चों को काफी प्रभावित ढंग से पढ़ाया जा रहा है. वही सक्षमता एक के तहत 1 जनवरी 25 से 7 जनवरी 25 तथा सक्षमता दो के तहत 1 मार्च से 7 मार्च तक कुल मिलाकर 8 हजार 500 विशिष्ट शिक्षकों का योगदान कराया गया. इससे शिक्षा को व्यवस्थित करने में काफी सुविधा हुई. अनुकंपा बहाली के तहत 234 के विरुद्ध 209 लिपिक एवं परिचारी की बहाली की गयी है. इससे व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. डीपीओ चंदन प्रभाकर ने बताया कि विद्यालयों में सभी बच्चों के लिए जूता एवं चप्पल अनिवार्य किया गया है. जबकि कोईलवर में तारामणि हाइस्कूल के नये भवन का उद्घाटन किया गया है. आपन भोजपुर, निपुण भोजपुर योजना के तहत एक से वर्ग तीन के बच्चों के लिए कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. वही चेतना सत्र में व्हाट्सएप कार्यक्रम से पढ़ाई की जा रही है. प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. बच्चों के प्रतिभा विकास के लिए उद्गम नाम से पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है. इसकी शुरुआत मार्च 2025 में की गयी थी. दिसंबर में दसवां अंक प्रकाशित किया गया है. मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए करियर काउंसलिंग बुकलेट का प्रकाशन हो रहा है. प्रोजेक्ट बेस लर्निंग में जिले के शिक्षा विभाग ने पूरे प्रांत में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. जिले के 850 विद्यालयों के बच्चों ने 2500 प्रोजेक्ट बनाये. इससे पढ़ाई के माहौल में काफी सुधार हुआ है. बच्चे पढ़ाई के तरफ काफी उन्मुख हो रहे हैं.

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