आरा.
महंत महादेवानंद महिला महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से एक संगोष्ठी की गयी, जिसका विषय यम और नियम था. इसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्या प्रो मीना कुमारी ने की. प्रधानाचार्या ने कहा कि यम, सामाजिक नैतिकता के सिद्धांत है, जो हमें दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए, जैसे अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. नियम व्यक्तिगत अनुशासन के सिद्धांत है. जो हमें अपने स्वयं के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए. जैसे शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान. दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ स्मिता कुमारी ने कहा कि यम और नियम योग के नैतिक दिशा-निर्देश है, जो पतंजलि के अष्टांगिक मार्ग में बताये गये हैं. यम और नियम का पालन करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभ होता है. ये हमें एक स्वस्थ और नैतिक जीवन जीने में मदद करते हैं और हमें आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष की ओर ले जाते हैं. संगोष्ठी में छात्राओं ने अपने-अपने विचार रखें. कार्यक्रम में डॉ. निवेदिता, डॉ शिखा, अमरेश कुमार, शिव स्वरूप, पूनम कुमारी तथा अन्य शिक्षकों की उपस्थित रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

