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जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी फिर से बीडीओ के हाथ

इससे पहले एसडीओ के द्वारा निर्गत किया जाता था प्रमाण पत्र

उदवंतनगर.

अब प्रखंडों में जन्म-मृत्यु का प्रमाण पत्र बीडीओ बनायेंगे. राज्य सरकार ने इस बाबत आदेश जारी कर बीडीओ को जन्म-मृत्यु का दंडाधिकारी बहाल किया है. सरकार के इस फैसले से लाभुकों ने राहत की सांस ली है. आदेश के पूर्व एक वर्ष या उससे अधिक के जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र एसडीओ के द्वारा निर्गत किया जाता था, जिससे लाभुकों खासकर गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानी के साथ ही भारी फजीहत झेलनी पड़ती थी.

सामान्य प्रशासन विभाग बिहार पटना द्वारा निर्गत आदेश के आलोक में एक वर्ष से अधिक के जन्म व मृत्यु की लंबित घटनाओं जिसके घटित होने की सूचना एक वर्ष बाद दी गयी है के पंजीकरण व प्रमाण पत्र निर्गत करने का अधिकार बीडीओ को मिला है. बीडीओ को जन्म-मृत्यु के पंजीकरण व प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी बनाया गया है.फीस घटे तो महादलित समुदाय को होगा लाभसरकार के आदेशानुसार एक साल या उससे अधिक के जन्म व मृत्यु पंजीकरण व प्रमाण पत्र निर्गत करने की फीस बढ़ाकर सौ रुपये कर दी गयी है, जिससे गरीब व महादलित वर्ग के लोगों को फीस चुकाने में परेशानी आ रही है. मुसहर समुदाय के लोगों के लिए सौ रुपये बड़ी रकम होती है. वैसे में लाभुक जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने में कोताही बरतने लगे हैं. बच्चों का स्कूल में नामांकन, आधार कार्ड बनवाने सहित अन्य कार्यों में परेशानी आ रही है. उदवंतनगर के रंगीला मुसहर ने बताया कि मेरा पोता चार साल का है. स्कूल में दाखिला करवाना है. अपने पोता का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने ब्लाक गया था, तो बाबू ने सौ रुपये लेट फीस मांगा. फीस का पैसा नहीं होने से जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन नहीं किया. अगर 10 रुपये फीस होता तो जन्म प्रमाणपत्र बनवा लेता.

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