आरा. मारुति संस्कृत शोध संस्थान के तत्वावधान में पंडित व्रजभूषण मिश्र आक्रांत जी की 96वीं जयंती एवं स्मृति ग्रंथ विमोचन समारोह होटल आरा ग्रांड में आयोजित किया गया. समारोह में शिक्षा, साहित्य और संस्कृत के क्षेत्र से जुड़े विद्वानों ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और हनुमंत वंदना से हुआ, जिसमें पूर्णिमा पांडेय ने अर्घ्यं ग्रंथ से ”नमामि वायुनंदनम्” प्रस्तुत किया. स्वागत गायन का जिम्मा कालिंदी भारद्वाज और कल्पना भारद्वाज ने निभाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. महेश सिंह ने की, मुख्य अतिथि प्रो. नंद जी दूबे और विशिष्ट अतिथि प्रो. गौरीशंकर तिवारी उपस्थित थे. रामेश्वर मिश्रा ने आक्रांत जी की पठन-पाठन पद्धति और उनके विद्यालयों में योगदान पर प्रकाश डाला. सुरेंद्र सिंह ने संपादित पत्रिकाओं का परिचय दिया, जबकि राजेंद्र पाठक ने संस्कृत शिक्षा में उनके नवाचारों को रेखांकित किया. राजीव नयन अग्रवाल ने आक्रांत जी से जुड़े पारिवारिक और शैक्षणिक अनुभव साझा किये. दीपक वर्धन, राज सिंह, गौरीशंकर तिवारी और पूर्णिमा पांडेय ने आक्रांत जी पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया. मुख्य अतिथि नंदन जी दूबे ने आक्रांत जी को राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा, ”आचार्य केवल पढ़ाते नहीं, वे विद्वता पढ़ाते और राष्ट्र को गढ़ते हैं.” समारोह में आक्रांत जी के अव्यावसायिक आलेखों का ग्रंथ रूप में प्रकाशन और स्मृति ग्रंथ विमोचन भी किया गया. उनके पौत्र शशि रंजन मिश्रा ने रचनाओं के संरक्षण का महत्व बताया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.
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