अररिया. पुलिसिया दबिश के चलते बहुचर्चित शिक्षिका शिवानी वर्मा हत्याकांड मामले में दो अप्राथमिकी अभियुक्त राजा आलम व छोटू उर्फ नैयर आलम ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया. इससे पूर्व 03 अप्राथमिकी अभियुक्त क्रमशः सोहैल, हसनैन उर्फ हुसन आरा व मारूफ जेल की सलाखों में पहले ही भेज दिये गये थे. बताया जाता है कि गुरुवार को अप्राथमिकी अभियुक्त राजा आलम व छोटू उर्फ नैयर आलम ने सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद के कोर्ट में आत्मसमर्पण सह जमानत आवेदन दाखिल किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद ने दोनो का जमानत आवेदन पत्र को खारिज करते हुए न्यायिक (अभिरक्षा) हिरासत में जेल भेज दिया है. अप्राथमिकी अभियुक्तों क्रमशः राजा आलम व छोटू उर्फ नैयर आलम की गिरफ्तारी को लेकर 16 दिसंबर 2025 को केस आईओ ने जिला अभियोजन पदाधिकारी अमिताभ सिद्धार्थ द्वारा अग्रसारित आवेदन पत्र न्यायालय में समर्पित करते हुए निवेदन किया था कि कांड दैनिकी की पारा संख्या 38, 40 में राजा आलम व छोटू उर्फ नैयर आलम के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं. जिसकी गिरफ्तारी आदेश चाहिए, सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद ने गिरफ्तारी अधिपत्र निर्गत करने का आदेश जारी किया था. मामले में मृतका शिवानी वर्मा की बहन सूचिका जुली वर्मा ने घटना को लेकर नामजद अभियुक्त रंजीत कुमार वर्मा के विरुद्ध नरपतगंज थाना में दर्ज कराया है. इससे पूर्व अप्राथमिकी अभियुक्तों क्रमशः सोहैल, हसनैन उर्फ हुसन आरा व मारूफ की गिरफ्तारी पुलिस ने की थी, जिसे 06 दिसंबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा जा चुका है. इस मामले में अभियुक्त हसनैन उर्फ हुसन आरा की ओर से भी जमानत याचिका दायर की गयी है. दूसरी ओर जिला अभियोजन पदाधिकारी अमिताभ सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि शिक्षिका शिवानी कुमारी की हत्या के बाद पुलिस ने घटनास्थल से लिया गया खून, हेलमेट में लगा हुआ खून, घटना स्थल से 150 मीटर की दूरी पर बरामद खोखा, मृतिका के ओढनी में लगा खून व अप्राथमिकी अभियुक्त मारूफ के घर से बरामद घटना में प्रयुक्त कट्टा की जांच विधि प्रयोगशाला भागलपुर से कराने के लिए सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद से अनुमति मांगी थी, जिसमें अनुमति दे दी गयी है.
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