जोकीहाट. नगर पंचायत जोकीहाट में अवैध नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी का संचालन धड़ल्ले से जारी है. हर प्रखंड में अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन जोकीहाट के अवैध नर्सिंग होम संचालकों को पता नहीं, आखिर किसका आशीर्वाद प्राप्त है, जो उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है. सनद रहे कि लोगों की शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप के निर्देश पर रेफरल प्रभारी डाॅ ओपी मंडल ने तीन माह पहले जोकीहाट सीओ व थानाध्यक्ष को पत्र लिखाकर अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई की बात कही थी. उस पत्र में नगर पंचायत के 10 अवैध नर्सिंग होम को बंद करने का जिक्र है. तीन माह बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसा लगता है कि उस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. लोगों का कहना है कि उस पत्र पर कार्रवाई हुई नहीं, लेकिन फिर से जांच के नाम पर 13 दिसंबर को चार सदस्यीय टीम ने जोकीहाट के कई नर्सिंग होम पहुंचकर छानबीन की. लोगों का कहना है कि ऐसी टीमें आखिर क्या जांच करती है. मामला कार्रवाई के लिए लंबित है फिर उसी मामले में बार-बार जांच से स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल उठाये जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि नगर पंचायत के अवैध नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों के लिए सोने की अंडे देने वाली मुर्गी की तरह बन गयी है.
किस-किस नर्सिंग होम व जांच सेंटर पर होनी थी कार्रवाई
रेफरल प्रभारी डाॅ ओपी मंडल ने जोकीहाट के करीब 10 नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी को बंद करने के लिए टीम गठित कर कार्रवाई की बात कही थी. उस पत्र में सिविल सर्जन के दिनांक 30 अगस्त 2025 के पत्र का हवाला देकर बंद करने का जिक्र किया गया था. इसके साथ ही अंचल पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को पत्र लिखा था. जिन नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी पर कार्रवाई होनी थी, उनमें न्यू चाइल्ड नर्सिंग होम भेभड़ा चौक, हाइटेक पैथोलॉजी, शिफा नर्सिंग होम, दिवाकर नर्सिंग होम, पटना अल्ट्रासाउंड, हयात पैथोलॉजी, आबिदा नर्सिंग होम, पाली क्लिनिक/ पप्पू नर्सिंग होम व लवली नर्सिंग होम के नाम शामिल हैं. रेफरल प्रभारी डॉ ओपी मंडल ने यह पत्र विगत 10 सितंबर को ही लिखा था, लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई.स्वास्थ्य विभाग की नजर में उक्त नर्सिंग होम व जांच सेंटर अवैध तरीके से चल रहे हैं, लेकिन तीन माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी उन सेंटर्स पर कार्रवाई नहीं होने से लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति विश्वसनीयता धीरे-धीरे कम होती जा रही है. आश्चर्य तो यह है कि उन सेंटरों पर कोई कार्रवाई हुई नहीं, और फिर से स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम जोकीहाट नगर पंचायत में नर्सिंग होम की जांच करने पहुंच गयी. टीम में फारबिसगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ तारिक जमाल, रेफरल अस्पताल जोकीहाट के प्रबंधक नाजिश नियाज आदि शामिल थे. हद तो यह है कि 13 दिसंबर को टीम जांच करने नगर पंचायत जोकीहाट पहुंची थी, लेकिन जांच में कहां क्या गड़बड़ी मिली, इसकी अबतक सिविल सर्जन तक को रिपोर्ट नहीं दी गयी है.
कहते हैं डीपीएम
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत जांच कर पहले फाइन करना है. टीम ने जांच रिपोर्ट जमा कर दी है. फाइल से संबंधित कर्मी अनिल कुमार छुट्टी पर हैं. उनके आने पर रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई होगी. हालांकि लोगों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में इस तरह की जांच सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई है.
कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया रेफरल प्रभारी डॉ ओपी मंडल ने 10 सितंबर को ही कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. इसमें जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.
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