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सरस्वती विद्या मंदिर में कार्यक्रम आयोजित

प्रधानाचार्य ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

-7- प्रतिनिधि, फारबिसगंज गंगा सरस्वती शिशु मंदिर फारबिसगंज में जानकी नवमी हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गयी. इस दौरान शिशु वाटिका खंड के छोटे छोटे भैया-बहनों ने राम व सीता का वेश धारण किया. कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार मिश्र, शिशु मंदिर खंड के नवनियुक्त प्रधानाचार्य राम नरेश सिंह ने दीप प्रज्वलन के साथ किया. वंदना सभा में शिशु मंदिर के नवनियुक्त प्रधानाचार्य राम नरेश सिंह का स्वागत शॉल ओढ़ाकर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार मिश्र ने किया. आचार्य श्रीप्रसाद राय ने जानकी नवमी उत्सव पर प्रकाश डालते बताया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में जब राजा जनक हल से जमीन को जोत रहे थे. उसी समय पृथ्वी में उनके हल का एक हिस्सा फंस गया. उस जगह खुदाई करने पर मिट्टी के बर्तन में उन्हें कन्या मिली. जोती हुई भूमि व हल की नोक को सीता कहा जाता है. जनक की बेटी होने के कारण उन्हें जानकी कहा जाता है. मिथिला की राजकुमारी होने के कारण मैथिली. राम की पत्नी होने के कारण उन्हें रमा कहा जाता है. मां सीता के जन्मोत्सव को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है. माता सीता को मां जानकी नाम से भी जाना जाता है. माता सीता भगवान श्री राम की धर्मपत्नी हैं व अपने त्याग व समर्पण के लिए पूजनीय हैं.

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