Bihar News: बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज थाना क्षेत्र के कटहरा गांव में एक दर्दनाक कहानी ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. 26 वर्षीय पवन चौहान रोजी-रोटी के लिए पत्नी और तीन बच्चों को लेकर तीन महीने पहले गाजियाबाद गया था. मकसद था लोन की किश्तें चुकाना. लेकिन किश्तें चुकाते-चुकाते पवन की जिंदगी ही खत्म हो गई.
29 मई को संदिग्ध हालात में हुई थी हत्या
पवन की 29 मई को संदिग्ध हालात में हत्या कर दी गई. आरोप है कि किसी पुराने आपसी रंजिश के चलते उसकी जान ले ली गई. पत्नी सुमन देवी ने बताया कि वह मजदूरी कर लोन की किश्तें चुका रहा था, लेकिन अब वो खुद ही दुनिया से चला गया.
घर गिरवी रखकर एंबुलेंस से लाया गया शव
पवन की मौत के बाद परिवार पर एक और संकट टूट पड़ा. शव को गांव लाने तक के पैसे नहीं थे. मजबूरन परिजनों को अपना घर गिरवी रखकर 38 हजार रुपए का इंतज़ाम करना पड़ा, ताकि एंबुलेंस से शव कटहरा लाया जा सके. रविवार को जैसे ही पवन का शव गांव पहुंचा, पूरे इलाके में कोहराम मच गया. पत्नी, बच्चे और बूढ़े माता-पिता की चीखों से माहौल गमगीन हो गया.
पत्नी सुमन देवी की हालत ऐसी है कि वह अब यह भी नहीं बता पा रही कि लोन की रकम कहां गई. बस इतना कहती हैं, “किश्तों के लिए हर दिन तगादे हो रहे थे, पति ने इसी डर से गाजियाबाद जाने का फैसला किया. अब वह भी नहीं रहा, और लोन का बोझ भी है.”
पुलिस ने क्या कहा?
गांववालों का कहना है कि पवन मेहनती था और परिवार के लिए कुछ बेहतर करना चाहता था, लेकिन हालात और सिस्टम दोनों ने उसे तोड़ दिया. सीडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने मामले को गंभीर बताया और कहा कि किश्त और कर्ज से जुड़ी हर सच्चाई की जांच की जाएगी.
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