भगवान कृष्ण सहित 52 देवी देवताओं की प्रतिमा होती है स्थापित
अररिया. जिले के रानीगंज प्रखंड स्थित परमानंदपुर गांव में जन्माष्टमी के मौके पर बने भगवान कृष्ण की आकर्षक प्रतिमा सीमांचल में प्रसिद्ध है. मूंछ वाले कृष्ण जी की प्रतिमा अन्यत्र दुर्लभ है. मूर्ति कला की जितनी प्रशंसा की जाये कम है. यह मंदिर रानीगंज सहित जिले के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. स्थानीय पंडित महेंद्रनाथ झा ने बताया कि जो भी भक्त भगवान कृष्ण का एक बार दर्शन कर लिया उन्हें हर वर्ष भगवान कृष्ण के दर्शन की इच्छा होती है. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालुओं द्वारा बांसुरी, कपड़े, गहने आदि चढ़ाये जाते हैं. पूजा समिति के अध्यक्ष इंद्रफूल झा ने बताया कि भगवान कृष्ण की आदमकद प्रतिमा के अतिरिक्त कुल 52 मूर्तियां बनी है. भगवान कृष्ण के अतिरिक्त राधा, दुर्गा, काली, सरस्वती, भगवान भोलेनाथ, विष्णु जी, हनुमान जी आदि की मूर्ति बनाई जाती है. करीब डेढ़ सौ वर्षों से यहां जन्माष्टमी पूरी भक्तिभाव व जोश के साथ मनाया जाता है जो सनातन संस्कृति व धर्म की अस्मिता से जुड़ी है.पूजा को लेकर माहौल हुआ भक्तिमय
तीन दिवसीय पूजा अर्चना को लेकर भक्तिमय वातावरण बना हुआ है. शनिवार को पूजा के बाद परमानंदपुर, कुपाड़ी, हिंगना, गीतवास, हांसा, मधुलता, कमलपुर, बसैटी, बसगड़ा, छतियौना, फारबिसगंज, अररिया सहित जिले के कौने-कौने से देर रात तक भक्तों की भीड़ दर्शन व पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे थे. भीड़ को नियंत्रित करने में रानीगंज पुलिस को मशक्कत करना पड़ा. इस तीन दिवसीय धार्मिक समारोह में आसपास के गांव के युवाओं व भक्तों का भी भरपूर सहयोग रहता है. पूजा समिति के विनोद झा व मिथिलेश झा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय लेखक फणीश्वरनाथ रेणु जब तक जीवित रहे, भगवान कृष्ण का दर्शन कर स्थानीय पूजा समिति के सदस्यों का उत्साह बढ़ाते रहे. मेले में जलेबी खाने खिलाने का दौर चलता था, वह परंपरा आज भी कायम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

