-12-प्रतिनिधि, पलासी आंधी व बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. मौसम में आये अचानक बदलाव से करोड़ों का नुकसान हुआ है. इससे सर्वाधिक क्षति किसानों को हुई है. इसके अलावा आवागमन ,बिजली सेवा ठप हो गयी. किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. महीनों की मेहनत बेकार हो गयी. मक्का के किसान भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गये हैं. आंधी व बारिश ने मकई की फसल को जमींदोज कर दिया है. जिस फसल को देख किसान अच्छी आमदनी की आस लगाए बैठे थे. वह पल भर में तबाह व बर्बाद हो गया. खेतों में हालात ऐसे हो गए हैं कि इन गिरे हुए मकई के पौधे को यदि जल्दी काट कर पशुओं को नहीं खिलाया जाये तो खेतों में ही सड़कर बर्बाद हो जायेगा.
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