खाद की किल्लत व नकली खाद के उपयोग से बचने को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताये बचाव के उपाय
मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया.जिले में मक्का व गेंहू की बोआई से पूर्व हो रही खाद की किल्लत व नकली खादों की बिक्री व उससे बचाव को लेकर प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने जिला कृषि पदाधिकारी गौरव प्रताप सिंह के कार्यालय कक्ष में उनसे विस्तृत बातचीत की. इस संदर्भ में उनसे कई सवाल भी पूछे गये, जिसके एक-एक कर जवाब जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा दिये गये. खाद की किल्लत को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में जितनी भी खाद की आवश्यकता है उसके अनुरूप खाद उपलब्ध हो रहे हैं, जिसका आवंटन नियत्र मात्रा में सभी प्रखंडों में आबादी के अनुरूप हो रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में 41 हजार एमटी यूरिया की आवश्यकता है, जिसमें 13870 एमटी यूरिया प्राप्त हो चुका है, जबकि 7673 एमटी यूरिया पहले से हीं उपलब्ध है. वहीं बताया कि 18 हजार एमटी डीएपी की आवश्यकता है, जिसमें 5298 एमटी प्राप्त हो चुका है व 6221 एमटी डीएपी हमारे पास उपलब्ध है. बताया कि 14 हजार एमटी एनपीके खाद की आवश्यकता है, जिसमें 4990 एमटी प्राप्त हो चुका है, जबकि 10720 एमटी एनपीके हमारे पास पूर्व से उपलब्ध है. 15 हजार एमटी एमओपी(पोटाश) की आवश्यकता है, 5334 एमटी हमें प्राप्त हो चुका है व 3326 एमटी पोटाश हमारे पास पूर्व से उपलब्ध है. वहीं 4500 एमटी एसएसपी पोटाश की आवश्यकता है, जिसमें से 2309 एमटी एसएसपी हमें प्राप्त हो चुका है, जबकि 3728 एमटी एसएसपी हमारे पास पूर्व से उपलब्ध है. उन्होंने पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से वितरित होने वाले इफको खाद के संबंध में बताया कि इफको खाद जल्द हीं जिले को उपलब्ध होगा, जिसके बाद पैक्सों के पास वितरित किया जायेगा.
नकली खादों के संदर्भ में दें सूचना, होगी कार्रवाई: डीएओ
डीएओ गौरव प्रताप सिंह ने आम लोगों से सहयोग की अपील की है, उन्होंने कहा कि बगैर आम भागीदारी से गलत लोगों के विरुद्ध कार्रवाई संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 2024 में आम लोगों की सूचना पर नकली खाद बनाने वाले व बेचने वालों के नाम सामने आये, जिनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गयी. डीएओ ने कहा कि आम लोगों के द्वारा सूचना मिली तो जोकीहाट, कुर्साकांटा के डुब्बा टोला व फारबिसगंज में छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की गयी व नकली खाद बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड किया गया. बताया कि नकली खाद बनाने वालों का चलता-फिरता कारखाना होता है, वे एक जगह स्थित होकर बना कर उसे नहीं बेच सकते हैं, वे उतना हीं खाद बनाते हैं, जितना सुबह तक बिक जाये. ऐसे लोगों को खाद दुकानदार टारगेट करते हैं जो खाद की आवश्यकता होने पर अग्रिम देकर चले जाते हैं, इसलिए खाद लेने से पहले खाद की पहचान कर हीं खाद की खरीद करें. डीएओ ने कहा कि नकली या ज्यादा दाम लेकर खाद देने की शिकायत हो तो उन्हें उनके मोबाइल नंबर 9031647135 पर फोन कर सूचित करें, सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जायेगा.
इन आसान तरीकों से कर सकते हैं असली-नकली की पहचान
डीएओ ने बताया कि प्राप्त सूचनाओं व एक वर्ष में नकली खादों के पकड़ने के आधार पर असली-नकली खाद की पहचान के कुछ आसान उपाय सामने आये हैं. जिसमें यूरिया की पहचान के लिए अगर यूरिया को पानी में डाला जाये व पानी ठंडा हो गया तो यूरिया ठीक है. डीएपी के लिए अधिकांशत: एनपीके को डीएपी से कन्वर्ट कर नकली बनाया जाता है, इसके लिए हथेली में डीएपी का चूना के साथ मिक्स कर मसलें व नाक के पास खोलेंगे तो झांस आयेगा यह झांस खाद में अमूनिया के मिश्रण की पहचान कराता है, अगर झांस आये तो खाद ठीक है. नमक युक्त पोटाश की शिकायत आती है, इसकी पहचान के लिये नमक वाला पोटाश पानी में डालेंगे तो वह पूरी तरह चिप-चिपा हो जायेगा, जबकी असली पोटाश सफेद व लाल मिर्च की तरी दाने छोड़ देगा, उसके लाल कण सतह पर तैरने लगेंगे.
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