-4- प्रतिनिधि, भरगामा रविवार को प्रखंड के खजुरी गांव में आयोजित 11वां वार्षिक संतमत सत्संग अधिवेशन का द्वितीय दिन श्रद्धा व भक्ति के वातावरण में संपन्न हो गया. अधिवेशन में संतमत के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज, स्वामी प्रमोदानंद जी महाराज समेत कई अन्य संत महात्माओं की गरिमामयी उपस्थिति रही. अपने प्रवचन में स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन में संतों की संगति अत्यंत आवश्यक है. आज के भागदौड़ भरे युग में मनुष्य अपने धर्म व आध्यात्मिक मूल्यों से दूर होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि मनुष्य योनि दुर्लभ है व इसे परोपकार व सत्संग में लगाकर ही सार्थक बनाया जा सकता है. स्वामी प्रमोदानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि ईश्वर सर्वव्यापक हैं व उनकी प्राप्ति का मार्ग संत महात्मा बताते हैं. उन्होंने सत्संग की महत्ता बताते हुए कहा कि साधु वचनों को जीवन में उतारना ही असली सार्थकता है. डॉ गुरुप्रसाद बाबा ने कहा कि संसार कर्म भूमि है. शुभ कर्म करने वाले पुण्यात्मा व बुरे कर्म करने वाले दुरात्मा बनते हैं. उन्होंने सत्संग व ध्यान को दुखों से मुक्ति का मार्ग बताया. अन्य संतों में अनमोल बाबा ने कर्म की प्रधानता व संतों द्वारा बताए जाने वाले मानस योग व ज्योति योग की प्रक्रियाओं का उल्लेख किया. अधिवेशन में अररिया व सुपौल जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. पूरे गांधी नगर क्षेत्र समेत आस-पास के इलाकों में भक्तिमय वातावरण बना रहा.
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