अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में देर रात लावारिश अवस्था ने पड़ी मिली थी नवजात बच्ची
14-प्रतिनिधि, अररियासदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सोमवार की रात एक नवजात बच्ची लावारिस अवस्था में पड़ी मिली. बच्ची ठंड से कांप रही थी. उसकी सेहत बिल्कुल खराब थी. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अकेले वह जिंदगी से जूझ रही थी. अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही पूरा स्वास्थ्य महकमा लावारिस बीमार बच्ची की जान बचाने के लिए सक्रिय हो उठा. अस्पताल प्रबंधन द्वारा तत्काल बच्ची को जरूरी इलाज के लिए एसएनसीयू में भर्ती कराया गया. जहां ड्यूटी पर तैनात पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक डॉ राजेश द्वारा बच्चे की समुचित जांच की गयी. लावारिश अवस्था में बच्ची के मिलने की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप तत्काल एसएनसीयू पहुंचे. चिकित्सकों से जरूरी पूछताछ के बाद उन्होंने बच्ची के सेहत की जांच की व स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को बच्ची की सेहत से संबंधित जरूरी सुझाव दिया. देर रात तक स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की देखरेख में बच्ची का इलाज चलता रहा. अहले सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अली हसन अस्पताल पहुंच कर समुचित जांच के बाद बच्ची को पूरी तरह स्वस्थ बताया. यह सुनकर स्वास्थ्य कर्मियों के चेहरे गर्व व आत्म संतोष की भावना से खिल उठा. सिविल सर्जन द्वारा बच्ची के लिए कपड़ा, दूध, बेबी किट सहित अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया. जानकारी मुताबिक लावारिश बच्ची को प्रशासनिक स्तर से दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपने की पहल की जा रही है. बच्ची का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ राजेश व डॉ अली हसन ने बताया कि बच्ची की सेहत बेहद नाजुक थी. समय पर उसका इलाज नहीं हुआ होता तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी. अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि सोमवार को रात अस्पताल कर्मियों को इमरजेंसी वार्ड के पास एक नवजात बच्ची रोती हुई मिली. सही समय पर इलाज शुरू हो जाने से बच्ची की जान बचाई जा सकी.
अस्पताल प्रशासन की संवेदनशीलता प्रशंसनीय
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि इस मामले में सदर अस्पताल प्रशासन की तत्परता, सक्रियता व संवेदनशीलता प्रशंसनीय है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधक सहित अन्य अधिकारी व कर्मी बधाई के पात्र हैं. समुचित इलाज के बाद बच्ची पूर्णत: स्वस्थ है. मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गयी है. कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपने की पहल की जा रही है. जहां बच्ची को एक सुरक्षित भविष्य मिल सकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है