अररिया. डीएम सह जिला बाल कल्याण व संरक्षण समिति की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला बाल कल्याण व संरक्षण समिति की बैठक की गयी. बैठक में बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय परिषद, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य व संबंधित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे. बैठक का मुख्य रूप से जिले में बच्चों की सुरक्षा, किशोर न्याय अधिनियम के पालन, बाल विवाह उन्मूलन, शिक्षा व पुनर्वास से संबंधित मामलों की जिलाधिकारी द्वारा गहन समीक्षा की गई. बैठक में सबसे पहले जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने सामाजिक पृष्टभूमि प्रतिवेदन विषय पर विस्तृत जानकारी साझा किया. किशोर न्याय परिषद के सदस्य ने बताया कि वर्तमान में एक भी एसबीआर लंबित नहीं है. जिलाधिकारी ने पुलिस उपाधीक्षक अररिया को ससमय किशोर न्याय परिषद एसबीआर उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया. ताकि बच्चों को ससमय पुर्नवासित किया जा सके. समीक्षा के क्रम में किशोर न्याय परिषद के सदस्य ने बताया कि वर्तमान में कुल 357 केस किशोर न्याय परिषद में लंबित हैं. जिलाधिकारी ने लंबित मामलों का ससमय निष्पादन सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया. सहायक निदेशक द्वारा पर्यवेक्षण गृह में पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति अपेक्षाकृत कम होने की बात कही. इस पर जिलाधिकारी ने प्रर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति पर्यवेक्षण गृह में सुनिश्चित कराने के लिये निर्देशित किया. समीक्षा के क्रम में बाल संरक्षण इकाई के अध्यक्ष ने बताया कि पोक्सो के मामले में पुलिस के द्वारा जरूरी प्रपत्र भरकर उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इसमें तत्काल सुधार का निर्देश जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिया. समय-समय पर विभिन्न विद्यालयों से छात्रों के साथ गलत व्यवहार किये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. नियमानुसार ऐसे मामलों में दोषी शिक्षक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया. सदर अस्पताल व एसएनसीयू से समय समय पर नवजात के चोरी संबंधी मामले पर नकेल कसने के लिए बिना अनुमति के वार्ड में प्रवेश पर प्रभावी रोक के साथ-साथ नवजात चोरी संबंधी मामले में प्रतिनियुक्त कर्मियों की जवाबदेही तय करने के लिए निर्देशित किया गया. पर्यवेक्षण गृह में आवासीत बच्चों का नामांकन विद्यालय में सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया. आवासीत बच्चों के बीच समय-समय पर प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियों के आयोजन के लिए अधिकारियों को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया. बैठक में बाल विवाह उन्मूलन अभियान की समीक्षा के क्रम में संबंधित मामले की सूचना देर से प्राप्त होने की बात सामने आयी. इस पर जिलाधिकारी ने पुलिस पदाधिकारियों को संबंधित थाना क्षेत्र में बाल विवाह की संभावित सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिएये निर्देशित किया. साथ ही एसएचओ स्तर पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश उन्होंने दिया. परवरिश योजना की समीक्षा में बताया गया कि योजना के तहत जिले में कुल 348 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. फरवरी तक योजना के लाभुकों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

