अररिया : सीमा सड़क निर्माण के लिए विभिन्न प्रखंडों में अधिगृहीत जमीनों के प्रकृति निर्धारण में हुए जालसाजी का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह चौकस हो गया है. अब हर कदम फूंक-फूंक कर उठाया जा रहा है. इसी क्रम में अब डीएम ने टीम गठित कर अधिगृहीत जमीनों की मापी करवानी शुरू कर दी है.
मापी के क्रम में रैयतों से केवाला व खतियान व अन्य दस्तावेज भी मांगे जा रहे हैं.जानकारी देते हुए जिला भूअर्जन पदाधिकारी नीरज नारायण पांडे ने बताया कि फारबिसंगज प्रखंड में मापी का काम चल रहा है. टीम में उनके अलावा सीओ, संबंधित मौजा के राजस्व कर्मचारी, अंचल अमीन के अलावा भूअर्जन कार्यालय के दो अमीन को शामिल किया गया है. संबंधित मौजा के सभी खेसरा की मापी कर दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, ताकि आगे कोई समस्या न हो.
उन्होंने बताया कि आवश्यक दस्तावेज भी जमा किये जा रहे हैं. बताया गया कि रैयतों को केवाला या खतियान की कॉपी के साथ साथ एलपीसी व शपथ पत्र की मूल प्रति, लगान रसीद, बैंक खाता का पहला पन्ना, पैन कार्ड व आधार या फोटो पहचान पत्र की छाया प्रति जमा करना है. डीएम ने आरसीडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को भी दस्तावेज कलेक्ट करने के लिए कर्मी प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया है.