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परिचालन शुरू करने की अब तक पहल नहीं

ठाकुरगंज: अगस्त माह में आयी बाढ़ के दो माह बीत गए लेकिन अब भी अररिया- गलगलिया नेशनल हाइवे 327 ई पर यातायात बंद पड़ा है. सामरिक महत्व के इस पथ पर ठाकुरगंज से बहादुरगंज के बीच में मीरभिट्ठा पुल के समीप कनकई नदी के द्वारा हुए कटाव के बाद बंद किया गया, आवागमन अब तक […]

ठाकुरगंज: अगस्त माह में आयी बाढ़ के दो माह बीत गए लेकिन अब भी अररिया- गलगलिया नेशनल हाइवे 327 ई पर यातायात बंद पड़ा है. सामरिक महत्व के इस पथ पर ठाकुरगंज से बहादुरगंज के बीच में मीरभिट्ठा पुल के समीप कनकई नदी के द्वारा हुए कटाव के बाद बंद किया गया, आवागमन अब तक बाधित है. हालांकि इस होकर छोटे वाहनों का परिचालन तो चालू है.

लेकिन सड़क पूरी तरह नदी के कटाव के जद में आने के बाद बड़े वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था. इन दो महीनो में इस सड़क के मरम्मत के नाम पर बरती जा रही सुस्ती का परिणाम है कि सड़क बंद पड़ा है और बड़े वाहनों को अररिया से पूर्णियां होकर सिलीगुड़ी जाने को बाध्य होना पड़ रहा है. हालांकि बाढ़ के समय कनकई नदी की तेज धार का जो दबाब मीरभिट्टा पुल और सड़क पर था बहुत हद तक कटाव रोधी काम करके उस पर काबू तो पा लिया गया है. लेकिन नदी के द्वारा काटी गई सड़क की मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है.

बाढ़ के दौरान इस पुल पर कनकई नदी का अत्यधिक दबाब देखते हुए तो प्रशासन ने समय रहते कदम उठाते हुए पुल तो बचा लिया लेकिन नदी के द्वारा किया गया कटाव ने सड़क के आस्तित्व पर संकट पैदा कर दिया था. सड़क आधी नदी के गर्भ में समा गई थी जिसके बाद सड़क की मरम्मत शुरू हुई, लेकिन इस काम में भी काफी लापरवाही बरती जा रही है. एक तरफ सड़क पूरी कटी हुई है. लेकिन सुरक्षा मापदंडों का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है. सड़क किनारे रखे बालू भरे बोरे भी अब नहीं दिखते हैं.

पूर्वोत्तर राज्यों का संपर्क हो चुका है भंग : ताराबाड़ी चौक और मीरभिट्ठा के बीच कनकई नदी के कटाव के कारण बंद पड़ा 327 ई के जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने के कारण देश के बाकी हिस्सों का पूर्वोत्तर राज्यों से संपर्क का एक मात्र जमीनी साधन एनएच 31 ही शेष रह गया है.

ज्ञात हो कि एनएच 327 ई होकर पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचने का सबसे सुलभ राष्ट्रीय राजमार्ग है. पूर्व में भी ताराबाड़ी पुल के धवस्त होने से काफी लंबे समय तक यह राजमार्ग ठप रहा.

सन 2008 में ध्वस्त हुए ताराबाड़ी में 2012 नये पुल निर्माण के बाद से इस राजमार्ग होकर यातायात सुचारू हो पाया था. किन्तु इस बार की बाढ़ ने फिर एक बार संकट की घड़ी पैदा कर दी है. पहली बार केवल ताराबाड़ी पुल ही था.

अब आधा दर्जन पुल बंद पड़े हैं और दर्जन भर पुलों का संपर्क पथ इतना जर्जर है कि कभी भी यह टूट सकता है, हालांकि इसकी मरम्मत के लिए प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है.

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