बिहार में पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) जेल से बाहर आने के बाद सियासी रंग में फिर से रंगे नजर आ रहे हैं. अररिया के फारबिसगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके जेल से बाहर आने का विरोध करने वालों पर जमकर बरसे. उन्होंने विरोधियों पर जमकर हमला करते हुए कहा कि यह देश किसी की जागीर नहीं है. सबने इसे लहू से सींचा है. मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं और बिना किसी शिकायत के 15 साल से ज्यादा जेल की सजा काट चुका हूं... अगर सरकार को लगता है कि मैं दोषी हूं तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं.
आईएस जी कृष्णैया हत्याकांड में मैं दोषी नहीं: आनंद मोहन
कार्यक्रम में विरोधियों पर गरजते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि वो आईएस जी कृष्णैया हत्याकांड में दोषी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि दोषी नहीं होने के बाद भी उन्होंने अपने जीवन के 15 वर्ष जेल में बिताये. मगर मेरे जेल से छूटने के बाद कई लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. बता दें कि जेल से रिहाई के बाद पहली बार आनंद मोहन किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचे थे. उनके साथ, पत्नी लवली आनंद पहुंचीं थीं. दरअसल, जिला क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आनंद मोहन पहुंचे थे.
'जी कृष्णैया की हत्या क्यों हुई'
आनंद मोहन ने कार्यक्रम को संबोदित करते हुए कहा कि मैंने जेल की सजा काट ली. मगर, आज तक किसी ने जानने की कोशिश नहीं कि जी कृष्णैया की हत्या क्यों हुई थी. लवली आनंद ने संसद में चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि मामले की सीबीआई जांच की जाए. अगर मेरे पति दोषी हैं तो उन्हें फांसी की सजा दी जाए. मगर सीबीआई जांच नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अगर उनके बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि वो क्या चीज हैं.