पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जदयू से निकाल दिया गया है. इस बात की जानकारी पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने पत्रकारों को दी. पार्टी के खिलाफ बगावत करने के आरोप में उनके खिलाफ यह कार्रवाईराष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव नेकी है.गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने जीतन राम मांझी के बागी तेवर के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया गया.पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने मांझी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने पर निष्कासित करने का आदेश दिया. सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए नीतीश कुमार की राज्यपाल से मुलाकात से पहले मांझी को निष्कासित किया गया.
पार्टी महासचिव के सी त्यागी ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने मांझी को अनुशासनहीनता के कारण जदयू की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. जदयू संविधान का अनुच्छेद तीन पार्टी अध्यक्ष को विशेषाधिकार देता है जिसके तहत वह किसी को भी नियुक्त या निष्कासित कर सकते हैं. यादव ने मांझी को विश्वासघाती करार देते हुए कहा कि उन्होंने कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा था.
त्यागी ने निष्कासन पत्र पढ़ते हुए कहा, जब विश्वासघात का इतिहास लिखा जायेगा तो उसमें मांझी का नाम सबसे पहले होगा. वह पार्टी अध्यक्ष के निर्णय की आलोचना करते हुए इस हद तक चले गये कि उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के पास विधायक दल की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ उनकी टिप्पणियां पूरी तरह अनुशासनहीनता हैं. पार्टी के पास उन्हें निष्कासित करने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं बचा था. त्यागी ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि मांझी अब न तो जदयू विधायक दल के नेता हैं और न ही पार्टी के सदस्य हैं.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. आज राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठीपटना पहुंच गये हैं और मांझी उनसे दिन के दिन के साढ़े तीन बजे राजभवन जायेंगे. इससे पहले वे दिन में एक बार राजभवन मुख्य सूचना आयुक्त के शपथग्रहण समारोह में पहुंचे थे. नीतीश अपने समर्थक विभिन्न पार्टियों के विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड भी करवायेंगे.
जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जीतन राम मांझी की पटकथा भाजपा के यहां लिखी गयी है. उन्होंने मांझी की जदयू के खिलाफ बागी तेवर अपनाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया.वहीं पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मांझी सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी करने वाले हैं. अब बिहार की राजनीति किस ओर जायेगी, यह राज्यपाल के निर्णय पर निर्भर है.