पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को हेड एंड नेक सजर्री का नोडल सेंटर बनाया जायेगा. इसके लिए संस्थान प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को 6.66 करोड़ का प्रोजेक्ट बना कर भेजा है. नोडल सेंटर बनने के बाद बिहार के इएनटी मरीजों को राज्य से बाहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा. संस्थान में इएनटी हेड एंड नेक सजर्री विभाग की स्थापना 27 मई, 2011 को हुई थी.
एक साल के अंदर एक सौ से अधिक हेड एंड नेक कैंसर से जूझ रहे मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के दौरान ऐसे कई गंभीर मरीज आये, जिनको इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था, लेकिन विभाग की स्थापना के बाद ऐसे सभी मरीजों का इलाज बेहद सरलता से किया गया. इसके बाद संस्थान प्रशासन ने इसे नोडल सेंटर का स्वरूप देने की योजना बनायी है और शुरुआत कर दी गयी है. वहीं मरीजों को नोडल सेंटर पहुंचने में परेशानी नहीं हो. इसके लिए विभिन्न जिलों में सव सेंटर भी खोले जायेंगे.
इएनटी विभाग के ओपीडी में हर दिन डेढ़ सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें कई मरीज ऐसे होते हैं, जिनका तुरंत ऑपरेशन करना आवश्यक होता है. ऐसे में मरीजों को फायदा हो रहा है. परिसर में ऑपरेशन करानेवालों की लंबी कतार लग गयी है, जो अपने नंबर के इंतजार में खड़े हैं, लेकिन ओटी की कमी है. विभाग में कोकलियर इंप्लांट, इंडोस्कोपी, पोटीयूट्री सजर्री, स्लिप एपलिया तथा खर्राटे की अत्याधुनिक सजर्री परिसर में शुरू करने का लक्ष्य बनाया गया है, इसके बाद ऐसे मरीजों का इलाज भी कम कीमत में बेहतर तरीके से होगा.