पटना: पटना के दिव्यांशु झा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2013 में पूरे देश में नौवां स्थान प्राप्त किया है. मधुबनी जिले के मूल निवासी दिव्यांशु का परिवार पटना के बोरिंग रोड की मॉन्टेसरी गली में सत्यम अपार्टमेंट में रहता है. उधर, बिहार के करीब आधा दर्जन मेधावी विद्यार्थियों ने टॉप 100 में जगह बनायी है.
दिव्यांशु के पिता विमलेंदु शेखर झा पावर ग्रिड कॉरपोरेश में एजीएम हैं. दिव्यांशु बचपन से ही मेधावी रहे हैं. उनकी मां डॉ सीमा झा ने कहा, दिव्यांशु बचपन से ही अच्छा बच्च है. खुशमिजाज स्वभाव का है और किसी की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. हर तीन महीने पर रक्तदान करने जाता है. शुरू से ब्रिलियंट रहा है. देश की सेवा करना चाहता था, इसलिए उसने सिविल सेवा को चुना. दिव्यांशु के घर में रिश्तेदारों व मित्रों की ओर से बधाइयों का तांता लग गया. पावर ग्रिड कॉरपोरेश में एजीएम दिव्यांशु के पिता विमलेंदु शेखर झा डेप्युटेशन पर रांची में थे. घर में बहन डॉ सोनालिका झा और मां मौजूद थीं. उनकी बहन एमडी रेडियो डाइगAोसिस हैं. मां ने कहा, बेटा बचपन से ब्रिलियंट है. दसवीं पटना के डॉन बॉस्को स्कूल से की और स्कूल टॉपर रहा. प्लस टू में संत माइकल पटना का टॉपर.रहा. 2006 में आइआइटी के लिए 10वां रैंक था. इंटरनैशनल फिजिक्स ओलंपियाड में कांस्य पदक मिला. गोल्मैन सैक्स का ग्लोबल लीडरशिप अवॉर्ड भी जीता है. तीन बार आइआइएम में एडमिशन के लिए सेलेक्शन हो चुका है. सिविल सर्विसेज परीक्षा में तीसरा चांस था. इसके पहले 2012 में 648 वां रैंक आया था. इस बार नौवां रैंक आया. आइआइटी में पढ़ाई के दौरान अव्वल रहा.
मां सीमा झा कहती हैं कि आइआइटी से निकलने के बाद तीन साल से दिल्ली में बेटा तैयारी कर रहा था और इस दौरान वह बेटे के साथ ही रहीं. वह शुरू से आदर्शवादी है. लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई नहीं करता है, लेकिन काफी इंटेलिजेंट है. शुरू से अपने नोट्स खुद बनाता था. घर में दही-चूड़ा और मछली खाना भी उसे खूब पसंद है. जहां जाता है, खाने की नयी चीजें तलाशता है. दिव्यांशु को फोटोग्राफी और ड्राइविंग का भी शौक है. डॉयचे बैंक में शुरू में ही 44 लाख का पैकेज मिला था, लेकिन नहीं गया. देश की सेवा के लिये आइएसएस बनना चाहता था. बहन सोनालिका ने कहा कि बचपन से ही वह दोस्त की तरह मेरे साथ रहा.
औरंगाबाद के वरुण को 38वां रैंक
ओबरा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के रहनेवाले युवक वरुण रंजन ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में पूरे देश में 38वां स्थान पाया है. वरुण के पिता अजय कुमार सिंह कैथी उच्च विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं और मां मंजू देवी गृहिणी. वरुण ने मैट्रिक की शिक्षा रांची के एक स्कूल से पूरी की है. उधर, विधायक गजानंद शाही की बेटी प्रेरणा शाही ने 109वां रैंक हासिल किया है. भागलपुर के नीलोत्पल को 98वां रैंक मिला है.
औरंगाबाद के वरुण को यूपीएससी में 38वां स्थान
ओबरा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के रहनेवाले युवक वरुण रंजन ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में पूरे देश में 38वां स्थान पाया है. वरुण के पिता अजय कुमार सिंह कैथी उच्च विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं और मां मंजू देवी गृहिणी. वरुण मैट्रिक की शिक्षा रांची के एक स्कूल से पूरी की है, जबकि इंटर व स्नातक की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय से. वरुण ने बीआइटी मेसरा से बीटेक भी किया है. वरुण की सफलता पर नारायणपुर गांव में जश्न का माहौल है.