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भारत के सबसे बड़े ओलंपिक दल की नजरें रियो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर

रियो दि जिनेरियो : डोप स्‍कैंडल से भले ही उत्साह में कुछ कमी आई हो लेकिन खेलों के महासमर में भारत के सबसे बड़े दल की नजरें कल से उद्घाटन समारोह के साथ यहां शुरू हो रहे 31वें और दक्षिण अमेरिका के पहले ओलंपिक में पदकों की संख्या में इजाफा करके ऐतिहासिक प्रदर्शन पर होंगी. […]

रियो दि जिनेरियो : डोप स्‍कैंडल से भले ही उत्साह में कुछ कमी आई हो लेकिन खेलों के महासमर में भारत के सबसे बड़े दल की नजरें कल से उद्घाटन समारोह के साथ यहां शुरू हो रहे 31वें और दक्षिण अमेरिका के पहले ओलंपिक में पदकों की संख्या में इजाफा करके ऐतिहासिक प्रदर्शन पर होंगी. भारत का 118 सदस्यीय दल यहां पहुंचा है जो पदकों की संख्या दोहरे अंकों तक पहुंचाने की फिराक में होगा. फर्राटा धावक धरमवीर सिंह और शाटपुट खिलाडी इंदरजीत सिंह को डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद भारत में ही रुकने के लिये कहा गया है.

इससे पहले पहलवान नरसिंह यादव को जब से दोहरे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार पर तरजीह देकर चुना गया, विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे. वह डोप टेस्ट में नाकाम रहा लेकिन बाद में नाडा को उसकी दलील पर यकीन हो गया कि उसके खिलाफ साजिश की गई है.
ओलंपिक से पहले तमाम विवादों के बावजूद भारतीय खिलाडियों के बेहतर प्रदर्शन से इनकार नहीं किया जा सकता जिन्होंने पदक की उम्मीद बढ़ाई है. शनिवार को प्रतिस्पर्धा के पहले दिन भारत को निशानेबाज जीतू राय से पदक की उम्मीद होगी जो जबर्दस्त फार्म में चल रहे हैं. जीतू आईएसएसएफ विश्व कप में 50 मीटर एयर पिस्टल चैम्पियन हैं. फिलहाल 50 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल की विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज जीतू ने विश्व कप में दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता है. इसके अलावा एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी वह जीत चुके हैं.
जीतू इन दोनों स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं और पदक के प्रबल दावेदार हैं. वहीं अपना पांचवां और आखिरी ओलंपिक खेल रहे अभिनव बिंद्रा कल उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे. उनका इरादा निशानेबाजी से बेहतरीन प्रदर्शन के साथ विदा लेने का होगा.
लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग भी तीन स्पर्धाओं में भाग लेंगे जिनका यह चौथा ओलंपिक है. हीना सिद्धू, अयोनिका पाल और अपूर्वी चंदेला महिला वर्ग में दावेदारी पेश करेंगी. कुश्ती में भी भारत को पदक की उम्मीदें हैं. देखना यह है कि नरसिंह तमाम विवादों को भुलाकर 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में उम्दा प्रदर्शन कर पाते हैं या नहीं. लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त (65 किलो फ्रीस्टाइल) भी पदक उम्मीदों में से एक हैं. आठ सदस्यीय दल सभी तीनों प्रारुपों पुरुष फ्रीस्टाइल, महिला कुश्ती और ग्रीको रोमन में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.
लंदन में गीता फोगाट ओलंपिक खेलने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थी. इस बार विनेश (48 किलो) और बबीता कुमारी (53 किलो) के अलावा साक्षी मलिक (58 किलो) भी रिंग में उतरेंगी. विनेश ने ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल करने की राह में 2014 की विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता इवोना मैत्कोवस्का को हराया था. मुक्केबाजी रिंग में तीन भारतीय नजर आयेंगे जबकि लंदन में आठ सदस्यीय दल उतरा था. इनमें से शिवा थापा (56 किलो) और विकास कृष्णन (75 किलो) से पदक की उम्मीद होगी जो विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं और विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं.
मनोज कुमार (64 किलो) भी छिपे रुस्तम साबित हो सकते हैं. चार साल पहले अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके भारतीय तीरंदाज 15 दिन पहले यहां पहुंच गए थे और महिलाओं की टीम स्पर्धा में इनसे पदक की उम्मीद है. तीसरी बार ओलंपिक खेल रही एल बोंबायला देवी, दुनिया की पूर्व नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी और लक्ष्मीरानी मांझी को पदक जीतने के लिये कोरियाई, मैक्सिको और इटली की टीम से कड़ी चुनौती मिलेगी. टेनिस में भी रियो तक का सफर विवादों से अछूता नहीं रहा.
रोहन बोपन्ना ने लिएंडर पेस जैसे सीनियर खिलाड़ी की बजाय निचली रैंकिंग वाले साकेत माइनेनी को चुना लेकिन एआईटीए के दखल के बाद हालात संभले. अटलांटा ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पेस रिकार्ड सातवां ओलंपिक खेल रहे हैं और दूसरा पदक लेकर खेलों के महाकुंभ से विदा लेना चाहेंगे. मिश्रित युगल में बोपन्ना और सानिया मिर्जा पदक के दावेदार हैं. बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और प्रतिभाशाली पी वी सिंधू से पदक की उम्मीद होगी.
साइना ने लंदन में एकल कांस्य जीता था जब उनकी चीनी विरोधी शिन वांग चोट के कारण बाहर हो गई. इस बार उसे स्पेन की कैरोलिना मारिन, चीनी ताइपै की तेइ झू यिंग और चीन की लि शुरुइ से पार पाना होगा. जिम्नास्टिक में 22 बरस की दीपा करमाकर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी. उसे पदक जीतने की पूरी उम्मीद है.
भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 बरस बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है. पी आर श्रीजेश की अगुवाई वाली पुरुष हाकी टीम के कोच रोलेंट ओल्टमेंस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है और पहला लक्ष्य अंतिम आठ में पहुंचना होगा. भारत को अर्जेंटीना, कनाडा, जर्मनी , आयरलैंड और नीदरलैंड के ग्रुप में रखा गया है और ड्रॉ में वह एशिया से अकेली टीम है.
गोल्फ 112 साल बाद ओलंपिक में लौटा है और भारत के अनिर्बान लाहिडी, एसएसपी चौरसिया तथा 18 बरस की अदिति अशोक इसमें भाग ले रही है. एथलेटिक्स में भारत का सबसे बडा दल उतरा है लेकिन पदक की उम्मीदें करना बेमानी होगा. पिछले पांच दशक में मिल्खा सिंह, पीटी उषा और अंजू बाबी जार्ज को छोड़कर कोई भारतीय एथलीट पदक के करीब भी नहीं पहुंचा. इस बार भी देखना यह है कि कौन सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचता है. फोकस चक्काफेंक खिलाड़ी विकास गौडा पर होगा जिनका यह तीसरा ओलंपिक है. केरल के त्रिकूद खिलाड़ी रंजीत महेश्वरी ने भी हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि स्टीपलचेस में ललिता बाबर, सुधा सिंह और ओ पी जैशा से उम्मीद होगी.
दुती चंद आईएएएफ के खिलाफ ऐतिहासिक लिंगभेद का मामला जीतकर लौटी है और 36 साल में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फर्राटा धावक है. भारत जूडो, नौकायन, तैराकी, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में भी भाग लेगा. भारत ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में तीन और लंदन में छह पदक जीते थे.

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