पेरिस : फीफा पर छाये भ्रष्टाचार प्रकरण के बीच एक बड़ा सवाल यह सामने आया है कि आखिर कैसे इसके आडिटर कथित तौर पर सुनियोजित भुगतान के जरिये करोड़ों डॉलर की रिश्वत पर सबको चौकन्ना करने में विफल रहे.
पिछले हफ्ते ज्यूरिख में भ्रष्टाचार के आरोप में फीफा के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद अब इसके वित्त को नियंत्रित करने वाली जानी मानी एकाउंट कंपनी केपीएमजी समीक्षा के दायरे में आ गई है.
ब्रिटेन के एसेक्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर प्रेम सिक्का ने कहा, अगर आडिटर करोड़ों डालर गायब होते हुए नहीं देख सकते तो फिर वे क्या कर सकते हैं. सिक्का ने कहा, फीफा में हुआ प्रकरण स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि महासंघ के नियंत्रण में कमजोरी थी.
इस एकाउंट विशेषज्ञ ने कहा, इन रिपोर्ट को सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित किया जाना चाहिए. अगर छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो हमें फाइलें दिखाइए.