दिल्ली / अलपुझा : केरल में साइ संेटर पर सीनियरों द्वारा कथित प्रताड़ना दिये जाने के कारण आत्महत्या के प्रयास में बची तीन युवा महिला खिलाडियों की हालत अब स्थिर है जबकि खेल मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है. खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने दिल्ली में एक कांफ्रेंस से इतर कहा , हमने मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है. हमारी प्राथमिकता इन लड़कियों की जान बचाना है.
इस दुखद घटना में युवा खिलाड़ी अपर्णा रामभद्रन की मौत हो गयी थी जबकि बाकी तीन अस्पताल में हैं. चारांे ने केरल में भारतीय खेल प्राधिकरण के एक सेंटर में सीनियरों द्वारा कथित प्रताड़ना के आरोप में जहरीला फल खाकर जान देने की कोशिश की थी. चारों अलपुझा में साइ के जल क्रीडा केंद्र में प्रशिक्षु थीं.घटना से स्तब्ध खेल मंत्रालय ने कल मामले की जांच के आदेश देने के साथ साइ महानिदेशक इंजेती श्रीनिवास को केरल भेजा था.
अस्पताल में भर्ती तीनों खिलाड़ियों की हालत अब स्थिर बतायी जा रहा है. केरल के गृहमंत्री रमेश चेन्निथला ने आज अस्पताल जाकर उनकी हालत का जायजा लिया और निष्पक्ष जांच का वादा भी किया.अलपुझा मेडिकल कालेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट संतोष राघवन ने बताया कि तीनों लड़कियों की हालत गंभीर बनी हुई है लेकिन अब स्थिर है. उन्होंने जो जहर खाया है , उसका कोई विषनाशक नहीं है. राघवन ने कहा , हम उनके शरीर के मुख्य अंग दिल के उपचार में लगे हैं. दिल्ली स्थित एम्स के विशेषज्ञों से टेलिकांफ्रेंस भी की गयी है. इस घटना में अपनी जान गंवा चुकी अपर्णा इस सेंटर पर पिछले पांच साल से प्रशिक्षण ले रही थी.
उसकी मां गीता ने कहा कि पारिवारिक परिस्थितियों के कारण प्रताड़ना के बावजूद वह होस्टल में रह रही थी. अपर्णा आठवीं कक्षा में पढ़ रहे अपने छोटे भाई की बेहतर जिंदगी के लिये नौकरी चाहती थी. उसके पिता एक हाउसबोट में काम करते हैं जबकि मां आंगनबाड़ी में कार्यरत है. परिवार में सभी की उम्मीदें नौकायन में चैंपियन रही अपर्णा पर टिकी थी.
उसने यह कड़ा कदम उठाने के लिए अपनी मां से माफी भी मांगी है. गीता ने कहा कि अपर्णा ने अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए उसे बताया था कि साइ होस्टल में सीनियरों द्वारा उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जा रही थी.उसकी मां ने बताया कि मरने से पहले अपर्णा ने कहा था , मां मुझे माफ कर देना. मैं सीनियर चेच्चिस ( बड़ी बहनों ) द्वारा दी जा रही प्रताड़ना के कारण ऐसा कर रही हूं. क्या मैं नहीं बचूंगी.
गीता ने कहा कि उसकी बेटी खुदकुशी नहीं करना चाहती थी लेकिन लगातार प्रताडना के बाद उसके पास कोई रास्ता नहीं रह गया था.उसने कहा , मेरी बेटी 15 अप्रैल को विशु के त्यौहार पर घर आई थी और उसने मुझसे कहा था कि सीनियरों के साथ एक कमरे में रहना मुश्किल हो गया है. जब होस्टल वार्डन से उसने शिकायत की तो उन्होंने तीन महीने के भीतर उसका कमरा बदलने का वादा किया था.गीता ने कहा कि बाद में उसकी बेटी ने कहा कि होस्टल में सब कुछ ठीक है क्योंकि वह अपने माता पिता को परेशान नहीं करना चाहती थी.
उसने कहा , लेकिन अस्पताल के बिस्तर पर मेरी बच्ची ने मुझे सीनियरों के बारे में सच्चाई बताई. दो सीनियर उसे और बाकी लड़कियों को लगातार परेशान कर रहे थे जिसकी वजह से उन्होंने जहरीला फल खाया. जिन सीनियर लडकियों पर इन्हें प्रताडित करने का आरोप लगा है, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे इन्हें तनाव हुआ हो. एक सीनियर एथलीट ने कहा, वे कह रहे हैं कि हमने उनकी रैंगिंग की और काफी तकलीफें दी.
राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने की खुशी में शनिवार को हमने एक छोटी सी पार्टी रखी थी. रात को कुछ लड़कियां अपने कमरे में बीयर ले आई. हमें इसके बारे में पता नहीं थी लेकिन यह खबर फैल गई कि ये लड़कियां शराब पी रही थी और हमारी मैडम को इसका पता चल गया.ह्णह्ण इस बीच केरल के गृहमंत्री रमेश चेन्निथला ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है लेकिन प्राथमिकता इन लडकियों को बचाना है.
उन्होंने कहा , प्राथमिकता इन लड़कियों को तमाम चिकित्सा सुविधायें देना है. दूसरा पहलू जांच का है और मैं इस पर अभी कुछ नहीं कह सकता. इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी जिसमें खुदकुशी के कारणों का खुलासा होगा.