कॉमनवेल्थ गेम्स : स्क्वॉश के महिला युगल फाइनल में इंग्लैंड की जोड़ी को हराया
ग्लासगो : दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा ने शनिवार को महिला युगल फाइनल में जेनी डंकाल्फ और लौरा मासारो की जोड़ी को सीधे गेम में हरा कर स्वर्ण पदक जीत कर भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला स्क्वॉश पदक हासिल किया.पांचवीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी को बेस्ट ऑफ थ्री गेम के फाइनल में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने इंगलैंड की जोड़ी को 11-6, 11-8 से मात दी.
भारतीय जोड़ी को हालांकि दूसरे गेम में हल्की सी परेशानी हुई, जब वे एक समय 2-7 से पिछड़ रही थी, लेकिन दीपिका और जोशना ने शानदार वापसी करते हुए अंत में इस जीत को बहुत आसान बना दिया.
इंग्लैंड की जोड़ी ने 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भी रजत पदक हासिल किया था. इंग्लैंड ने इस बात से संतोष किया कि एलीसन वाटर्स और एम्मा बेडोएस ने ऑस्ट्रेलिया की कासे ब्राउन और रशेल ग्रिनहैम की जोड़ी को हरा कर कांस्य पदक प्राप्त किया, जिससे देश पदक तालिका में शीर्ष पर कायम है.
जोशना ने मैच में जीत के बाद कहा : हम एक बार में एक मैच पर ही ध्यान लगा रहे थे, क्योंकि सभी खिलाड़ी सचमुच काफी अच्छे हैं. इनमें से काफी ने पहले पदक जीता हुआ है.
उन्होंने दूसरे गेम के बारे में कहा : मुङो नहीं लगता कि हमने मजबूत शुरुआत की और उन्होंने इसका सचमुच पूरा फायदा उठाया. उन्होंने कुछ शानदार शॉट लगाये और हमने कुछ गलतियां कीं, लेकिन हम तीसरे गेम में नहीं जाना चाहते थे और हमने वापसी की. जोशना चिनप्पा ने उम्मीद जतायी कि इस स्वर्ण से भारत में इस खेल को लोकप्रिय बनने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा : उम्मीद है कि इससे भारत में स्क्वॉश को ज्यादा सम्मान मिलेगा. यह निश्चित रूप से विकास कर रहा है, लेकिन उम्मीद है कि पदक जीतने से सरकार भी इस खेल के प्रति और अधिक उत्साहित होगी. दीपिका पल्लीकल ने भी ऐसी ही उम्मीद जतायी.
बॉक्सिंग में भारत को चार रजत
ग्लास्गो. ग्लास्गो में चल रहे 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में शनिवार को ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह सहित फाइनल में पहुंचे चारों भारतीय मुक्केबाजों ने निराश किया और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. मुक्केबाजी में भारत को चार स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन रिंग में आज का दिन निराशा भरा रहा.
स्टार मुक्केबाज विजेंदर पुरुषों के 75 किग्रा भार वर्ग में इग्लैंड के एंथनी फाउलर से हार गये, जबकि मनजीत जांगड़ा को 69 किग्रा में इंग्लैंड के स्कॉट फिट्जेराल्ड और एल देवेंद्रो को 49 किग्रा में उत्तरी आयरलैंड के पैडी बर्न्स से हार का सामना करना पड़ा. देवेंद्रों की बड़ी बहन एल सरिता देवी भी महिलाओं के लाइटवेट (60 किग्रा) भार वर्ग में ऑस्ट्रेलिया की शैली वाट्स से संघर्षपूर्ण मुकाबले में हारी.
इस तरह से भारत का मुक्केबाजी में सोने का तमगा हासिल करने का सपना पूरा नहीं हो पाया. भारत ने मुक्केबाजी में चार रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया. पिंकी जांगड़ा ने शुक्रवार को महिलाओं के 51 किग्रा में कांसे का तमगा जीता था. शनिवार को खेले गये महिलाओं के मुकाबले में विश्व चैंपियनशिप की पूर्व रजत पदक विजेता लैशराम सरिता ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को कड़ी चुनौती दी और आठ मिनट के चार दौर वाले मुकाबले में आधे समय तक बराबरी पर थी.
महिला रिले टीमें फाइनल में
ग्लास्गो : कुन्हु मोहम्मद पठानपुराकल, जीतू बेबी, जिबिन सबेस्टियन और आरोकिया राजीव की भारत की चार गुणा चार सौ रिले मीटर टीम शुरुआती दौर में ही डिस्क्वालीफाइ हो गयी. महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीम हालांकि फाइनल के लिए क्वालिफाइ करने में सफल रही.
देबाश्री मजूमदार, टिंटू लूका, अश्विनी अकूंजी और एमआर पूवम्मा की चौकडी तीन मिनट 33.67 सेकेंड के साथ पहले दौर की दूसरी हीट में पांचवें स्थान पर रही. श्रद्धा नारायण, आशा राय, श्रबानी नंदा और एचएम ज्योति की चार गुणा 100 मीटर रिले टीम भी फाइनल में प्रवेश कर गयी.
भारतीय टीम अपनी हीट में 44. 41 मीटर के साथ पांचवें स्थान पर रही लेकिन कुल आठवें और अंतिम स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बना ली. पुरुष ट्रिपल जंप में अरपिंदर फाइनल के लिए क्वालिफाइ कर गये. उन्होंने अपने अंतिम प्रयास में 16.51 मीटर की दूरी तय की. पुरुष भाला फेंक में रविंदर सिंह खैरा और विपिन्ना कासना ने 11वें और 12वें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालिफाइ किया. एथलेटिक्स में इससे पहले भारत के लिए विकास गौड़ा और सीमा अंतिल पूनिया ने क्रमश: पुरुष व महिला डिस्क्स थ्रो स्पर्धाओं में पदक जीते. गौड़ा ने पुरुष वर्ग में स्वर्ण जबकि सीमा ने महिला वर्ग में रजत पदक जीता.
शरत और अमलराज ने जीता रजत पदक
ग्लास्गो : अचंता शरत कमल और एंथोनी अमलराज को 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स की पुरुष युगल टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में सिंगापुर के निंग गाओ और ह्यू ली के हाथों शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
शरत और अमलराज की जोड़ी को पहला गेम जीतने के बावजूद 1-3 (11-8, 7-11, 9-11, 5-11) से हार ङोलनी पड़ी. भारतीय जोड़ी ने इससे पहले सेमीफाइनल में सिंगापुर के यांग झी और झान जियान को 11-7 12-10 11-3 से हराया था. शरत के पास हालांकि अब भी एकल वर्ग में खिताब जीतने का मौका है जहां उन्होंने सेमीफाइनल में जगह बना ली है.
शरत कमल ने इंग्लैंड के पॉलड्रिंकहाल को 11-7 11-6 12-10 9-11 11-6 से हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
कश्यप फाइनल में सिंधू-गुरु को कांस्य
इंग्लैंड के राजीव ओसफ को तीन गेमों में हराया भारतीय स्टार ने
ग्लासगो : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने से केवल एक कदम दूर हैं, जबकि युवा पीवी सिंधू और आरएमवी गुरुसाईदत्त ने कांस्य पदक हासिल किये.
दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी कश्यप ने इंग्लैंड के राजीव ओसफ से बदला चुकता करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया, जिससे वह 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में हारे थे और यहां मिश्रित टीम स्पर्धा के दौरान भी उनसे शिकस्त मिली थी. कश्यप ने एक घंटे 23 मिनट तक चले पुरुष एकल मुकाबले में एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के 26वें नंबर के खिलाड़ी ओसफ को 18-21, 21-17, 21-18 से मात दी और कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया.
अब रविवार को कश्यप का सामना दुनिया के 40वें नंबर के सिंगापुर के डेरेक वांग से होगा, जिन्होंने एक अन्य भारतीय आरएमवी गुरुसाईदत्त को 16-21, 21-19, 21-15 से हराया.
ज्वाला-पोनप्पा की जोड़ी भी स्वर्ण की होड़ में
दूसरी ओर पीवी सिंधू सेमीफाइनल में कनाडा की मिशेल ली से 20-22, 20-22 से हार गयी, लेकिन उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में मलयेशिया की जिंग यी टी को 34 मिनट तक चले मुकाबले में 23-21, 21-9 से हराया. पुरुष एकल में आरएमवी गुरुसाईदत्त सेमीफाइनल में वोंग से हार गये, लेकिन उन्होंने एक घंटे तक चले कांस्य पदक के मुकाबले में ओसफ को 21-15, 14-21, 21-19 से हरा कर कांसे का तमगा जीता.