भुवनेश्वर : रोलेंट ओल्टमेंस के लिये भारत अब बीता हुआ अध्याय हो चुका है, लेकिन नीदरलैंड के इस अनुभवी कोच ने कहा कि जिस तरीके से हॉकी इंडिया ने उन्हें निकाला, उससे उन्हें दुख से ज्यादा हैरानी हुई, क्योंकि उन्हें भारतीय हॉकी को पांच साल दिये थे.
ओल्टमेंस 2013 में भारतीय हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक बने थे और उन्होंने भारतीय हॉकी को नये सिरे से खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई. उन्हें पिछले साल सितंबर में टीम के खराब नतीजों के बाद पद से हटा दिया गया था. ओल्टमेंस ने प्रेस ट्रस्ट से कहा , मैं इस तरह हटाये जाने से दुखी नहीं था. यह कोचिंग का हिस्सा है, लेकिन मैं हैरान जरूर था.
विश्व कप में भाग ले रही मलेशिया टीम के मुख्य कोच ओल्टमेंस ने कहा , कई बार लोग फैसले लेते हैं और आपको उन्हें स्वीकार करना होता है. कुछ पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि भारतीय हॉकी के लिये ओल्टमेंस की मेहनत अब रंग ला रही है. ओल्टमेंस ने कहा , मैंने करीब पांच साल तक भारत के लिये खुशी से काम किया.
मुझे यहां बहुत मजा आया. भारत का हॉकी का वैभवशाली इतिहास है और मुझे खुशी है कि भारतीय हॉकी को नये सिरे से खड़े करने में मेरा योगदान रहा. उन्होंने कहा, यह देखकर खुशी होती है कि इस दौरान भारतीय हॉकी का कद बढ़ा. यह नयी टीम और नया ग्रुप है. मैं एक मैच (मलेशिया के खिलाफ) को छोड़कर भारतीय हॉकी टीम को शुभकामना देता हूं.
विश्व कप में भारत की पदक उम्मीदों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं कि विश्व कप विजेता दुनिया की शीर्ष छह टीमों में से आयेगा. भारत इस समय विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर है.
मलेशिया को पूल डी में पाकिस्तान, जर्मनी और नीदरलैंड के साथ रखा गया है जिसे पूल ऑफ डैथ माना जा रहा है. कोच ने कहा , हमने सीधा लक्ष्य रखा है कि पहले पूल ऑफ डैथ से बाहर निकलना है. यह काफी चुनौतीपूर्ण है. इसके बाद अगले लक्ष्य तय होंगे.