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Jharkhand:पिता चलाते हैं गुमटी, गरीबी को मात देकर जमशेदपुर के हैंडबॉल खिलाड़ी नदीम हसन ने ली BSF की नौकरी

जमशेदपुर के न्यू रानीकूदर के रहने वाले युवा हैंडबॉल खिलाड़ी नदीम हसन ने अपनी मेहनत के दम पर बीएसएफ में नौकरी हासिल की है. 20 वर्षीय इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी के यहां तक पहुंचने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. शनिवार को जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नदीम को सम्मानित किया गया.

Jharkhand News: जमशेदपुर के न्यू रानीकूदर के रहने वाले युवा हैंडबॉल खिलाड़ी नदीम हसन ने अपनी मेहनत के दम पर बीएसएफ में नौकरी हासिल की है. 20 वर्षीय इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी के यहां तक पहुंचने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. आज से छह वर्ष पूर्व नदीम ने जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में टाटा स्टील द्वारा संचालित हैंडबॉल ट्रेनिंग सेंटर में हैंडबॉल सिखने के लिए पहला कदम रखा था. नदीम ने बताया उनको हैंडबॉल से कोई लगाव नहीं था, लेकिन उनके चचेरे भाई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मोहम्मद हकीन ने प्रेरित किया कि हैंडबॉल ही एक ऐसा माध्यम है जिससे उनको कामयाबी मिल सकती है. इसके बाद उन्होंने जेआरडी में ट्रेनिंग शुरू की. शनिवार को जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नदीम को सम्मानित किया गया. मौके पर फरजान हिरजी (चीफ स्पोर्ट्स एंड प्रोटोकॉल), अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल कोच डॉ हसन इमाम मलिका मौजूद थे.

झारखंड का किया है प्रतिनिधित्व

नदीम हसन ने सब जूनियर, जूनियर, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने सब जूनियर व जूनियर स्तर पर टीम को विजेता बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. नदीम ईस्ट जोन व फेडरेशन कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी झारखंड का प्रतिनिधित्व किया है. इसके बाद नदीम बेहतर ट्रेनिंग व उज्ज्वल भविष्य की तलाश में गुजार साई (स्पोर्ट्स ऑथिरिटी ऑफ इंडिया) चले गये, लेकिन उन्होंने झरखंड की ओर से खेलना जारी रखा. इसी वर्ष की शुरुआत में खेल कोटे से बीएसएफ में वैकेंसी निकली. वह गुड़गांव में आयोजित बीएसएफ के ट्रायल में शामिल हुए. इसके बाद उनका सेलेक्शन बीएसएफ में हो गया है.

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पिता चलाते हैं गुमटी

नदीम की कामयाबी पीछे काफी संघर्ष छिपा है. नदीम ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक रूप से उतना मजबूत नहीं है. मेरे पिता नुरूल हसन परिवार के पालन-पोषण के लिए एक छोटी सी गुमटी चलाते हैं. मां संजीदा खातून गृहणी हैं. उन्होंने बताया एक समय ऐसा आया, जब लगा कि खेल छोड़कर पिता की मदद करनी चाहिए. उस समय मुझे कई लोगों ने खासकर मेरे रिश्तेदारों ने भी कहा कि खेलकूद में क्या रखा है, लेकिन मेरे पिता व मां ने हमको हमेशा सपोर्ट किया. इस कारण सफल खिलाड़ी बन पाया और नौकरी हासिल की. नदीम के तीन भाई व एक बहन हैं.

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Jharkhand:पिता चलाते हैं गुमटी, गरीबी को मात देकर जमशेदपुर के हैंडबॉल खिलाड़ी नदीम हसन ने ली bsf की नौकरी 2

युवा शूटर शीर्ष आदित्य ने बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड, जीता स्वर्ण

जमशेदपुर के सोनारी के रहने वाले युवा शूटर शीर्ष आदित्य ने बेंगलुरु में आयोजित सीआइएससीइ (काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन) नेशनल स्पोर्ट्स एंड गेम्स के शूटिंग इवेंट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. लोयोला स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र शीर्ष आदित्य ने अंडर-19 आयु वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में निशाना साधते हुए कुल 600 प्वाइंट में से 598 अंक अर्जित किये. पिता अरविंद ओझा व माता रीना ओझा को अपना आदर्श मानने वाले शीर्ष इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के जूनियर चैंपियनशिप (अंडर-14) में कई पदक जीत चुके हैं.

रिपोर्ट : निसार, जमशेदपुर

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