BCCI Family Rule: भारतीय क्रिकेट की शीर्ष संस्था ने टीम इंडिया के लिए दो टेस्ट शृंखलाओं में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 10 पॉइंट डिक्टैट लागू किए थे. इनमें सभी विषयों पर संभवतः बात बन गई थी, लेकिन एक बात पर कई खिलाड़ियों और दिग्गजों ने अपनी राय रखी. इस पर उन्होंने अपनी नाराजगी और नाखुशी जताई थी. विराट कोहली और कपिल देव जैसे दिग्गजों ने हाल ही में इस निर्णय पर निराशा जताई थी, जिसमें खिलाड़ियों को दौरे पर परिवार को साथ रखने पर कुछ अतिरिक्त नियम लगाए गए थे. अब इस मुद्दे पर भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की पत्नी ने अपनी राय रखी है. उन्होंने बीसीसीआई के नियम को सही बताया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अलग रहना परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन एक निश्चित अवधि तक उनकी उपस्थिति को सीमित करने से खिलाड़ियों को खेल पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.
नियम के बारे में बात करते हुए कीच ने एएनआई से कहा, “मैं समझ सकती हूं कि जब युवी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे, एक टूर्नामेंट से दूसरे टूर्नामेंट में जा रहे थे और वह लंबे समय तक दूर रहते थे. छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए इतने लंबे समय तक दूर रहना मुश्किल था. लेकिन जब मैं उनके मैच देखती थी, तो युवी हमेशा मेरे बारे में चिंतित रहते थे, जिससे उनका खेल पर ध्यान प्रभावित होता था. इसलिए, सीमित समय के लिए परिवारों को शामिल करने की अनुमति देना दोनों तरह से फायदेमंद है.” Hazel Keech on BCCI Family Rule.
नियम के अनुसार, खिलाड़ियों के तत्काल परिवार, जिसमें उनके साथी और बच्चे शामिल हैं, 45 दिनों से अधिक समय तक चलने वाले दौरे के पहले दो सप्ताह के बाद 14 दिनों तक उनके साथ रह सकते हैं. छोटे दौरों पर, खिलाड़ी एक सप्ताह तक अपने परिवारों के साथ रह सकते हैं. वर्तमान में, BCCI दौरे के दौरान खिलाड़ियों के परिवारों के लिए आवास लागत को वहन करता है, लेकिन उनके यात्रा खर्चों को वहन नहीं करता है.
बीसीसीआई ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से भारत की 3-1 की हार के बाद दौरे के दौरान खिलाड़ियों के परिवार के समय पर ये प्रतिबंध लगाए. इन दिशानिर्देशों को खिलाड़ी अनुबंधों में शामिल किया गया था, लेकिन COVID-19 महामारी के दौरान अस्थायी रूप से छूट दी गई थी जब खिलाड़ियों के परिवारों को उनकी मानसिक भलाई का समर्थन करने के लिए टीम बबल में शामिल होने की अनुमति दी गई थी.
हालांकि ताजा अपडेट में बीसीसीआई ने इस नियम में कुछ बदलाव करने के संकेत दिए थे. लेकिन नियम उसी तरह रहेंगे. किसी भी परिस्थिति में खिलाड़ियों को बीसीसीआई से अनुमति लेनी पड़ेगी, जिसके बाद उस पर विचार किया जाएगा. बीसीसीआई के सचिव देवाजीत सैकिया ने एक राष्ट्रीय दैनिक से बात करते हुए कहा था कि नियम ऐसे नहीं हैं कि आज बनाए और कल समाप्त हो गए, इनमें कुछ हेरफेर हो सकता है, लेकिन ये नियम आगे भी रहेंगे.
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