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बुमराह,सिराज नहीं भारत का ये फास्ट बॉलर बनेगा विश्व कप में गेमचेंजर, नेट पर बहा रहा पसीना

ब्रेक के बाद मोहम्मद शमी राष्ट्रीय टीम में वापस लौटे हैं. फॉम से बाहर चलने के कारण उन्हें वेस्ट इंडीज दौरे से बाहर रखा गया था. एशिया कप के शेष चार मैच और बाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में भी उन्हें जगह नहीं मिल पाई थी.

भारत के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी की ब्रेक के बाद टीम में वापसी हो रही है. चयनकर्ताओं ने उन्हें काफी उम्मीद के साथ टीम में जगह दी है, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मोहम्मद शमी भी काफी मेहनत करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को टीम इंडिया अपने अगले मैच के लिए कोलंबो पहुंची है और खिलाड़ियों ने नेट पर पसीना बहाना शुरू कर दिया है.

नेट प्रैक्टिस में कूल नजर आए शमी

नेट प्रैक्टिस के दौरान मोहम्मद शमी काफी शांत नजर आए . शाम के समय मोहम्मद शमी आर प्रेमदासा स्टेडियम में फुटबॉल खेलने के बाद, नेट प्रैक्टिस करते दिखे. वह अच्छी गेंदबाजी करते नजर आए . मोहम्मद शमी थोड़े समय के ब्रेक के बाद राष्ट्रीय टीम में फिर से वापस लौटे हैं, फॉम से बाहर चलने के कारण उन्हें वेस्ट इंडीज का दौरा और यहां तक ​​कि आयरलैंड में तीन मैचों की टी-20, एशिया कप के शेष चार मैच और बाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से बाहर रखा गया. इस महीने के अंत तक शमी को अपनी लय वापस हासिल करनी है. बीते सोमवार चार सितंबर को एशिया कप 2023 में खेले गए भारत और नेपाल के मुकाबले में शमी ने सात ओवर डाला जिसमें उन्होंने 29 रन देकर एक विकेट भी चटकाया.

शॉर्ट-बॉल फेंकने में माहिर हैं शमी

शमी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले गेंदबाज हैं. फाॅर्म में वापसी के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी. शमी शॉर्ट-बॉल फेंकने में माहिर हैं, वह गेंद को स्किड में डालने के साथ-साथ अच्छी उछाल भी देते हैं, शमी भारी गेंद का सही प्रयोग भी करना जानते हैं. वे जसप्रीत बुमराह जितना तेज़ और यॉर्कर फेंक सकते हैं और साथ ही साथ बैट्समैन को चौंकाने वाली धीमी गेंद भी डाल सकते हैं,शमी की औसत की बात करें तो उनका औसत 26 का है, वहीं बुमराह का औसत 31.4 का है. जो की तुलना में शमी का 27.9 है जो की एक बेहतर औसत है. अगर हम विश्व कप की बात करें तो शमी काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं उनके पास ग्यारह मैचों में 31 विकेट, यानी 15 के औसत से एक गेम में लगभग तीन विकेट लेने का अनुभव है. चूंकि अब भुवनेश्वर कुमार योजनाओं का हिस्सा नहीं हैं, ऐसे में शमी, जो अपने सीम मूवमेंट से शुरुआती ओवरो मे प्रतिद्वंदी टीम पर दबाव डालने का दम रखते हैं.एकदिवसीय मैचों में जहां दो नई गेंदों का उपयोग किया जाता है, ऐसे मौके पर शमी रिवर्स-स्विंग डालने में सक्षम हैं.

भारत अपने सारे खिलाड़ियों पर दे रह है खासा ध्यान

शमी काफी अच्छे गेंदबाज हैं.शमी अपने एक स्पैल में मैच का रुख बदलने का दम रखते हैं. जहां भारत अपने दो वापसी करने वाले बल्लेबाजों – श्रेयस अय्यर और केएल राहुल – को वापस लय में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. शमी के प्रदर्शन को लेकर भी चयनकर्ता काफी जागरूक हैं और हरसंभव कोशिश की जा रही है कि वे विश्वकप के लिए रेडी हो जाएं. इसके अलावा, बुमराह की अगर बात करें तो वह अभी चोट से उभरे हैं और अभी भी अपनी गति और सही लाइन लेंथ पाने के लिए काफी मेहनत करते नजर आ रहे हैं. यदि भारत अपने दो सबसे सफल और अनुभवी गेंदबाजों के साथ विश्व कप में उतरता है तो विपक्षी टीम के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

विश्व कप में गेम चेंजर साबित होंगे शमी

चूंकि शमी एक ब्रेक के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं, इसलिए उनके प्रदर्शन को लेकर टीम इंडिया के चयनकर्ता काफी आश्वस्त हैं. वैसे भी शमी जैसे गेंदबाज का टीम में होना बहुत जरूरी है. शमी अपने स्पैल में मैच का रुख बदलने का दम रखते हैं. उन्हें आईपीएल से पहले घरेलू सीज़न में भारत द्वारा खेले गए नौ वनडे मैचों में से आठ मैचों का हिस्सा रखा गया था जिससे यह पता चलता है कि वह योजनाओं का हिस्सा थे.

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