सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, उन्हें हर बडे़ से बड़े से बल्लेबाज अपनी ड्रीम टीम में रखने की सोचता है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के माइक हस्सी ने बेस्ट विपक्षी 11 का चयन किया था. उसमें भी वीरेंद्र सहवाग को उन्होंने बतौर सलामी बल्लेबाज ही चुना था. इसके अलावा कुछ साल पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी ड्रीम टेस्ट और वनडे टीम चुनी थी जिसमें उन्होंने सहवाग को बतौर सलामी बल्लेबाज ही रखा था. अगर सहवाग के रिकॉर्ड को उठा कर देखें तो टेस्ट रिकॉर्ड बेहद शानदार है.
आपको बता दें कि वीरेंद्र सहवाग ने 104 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 49.3 की औसत से 8586 रन बनाए हैं. जिसमें 23 शतक और 32 अर्द्धशतक शामिल है. हर दिग्गज बल्लेबाज उनकी बल्लेबाजी का कायल है. अब इसी फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है. पाकिस्तान के पूर्व विकेट कीपर बल्लेबाज राशिद लतीफ ने इस सलामी बल्लेबाज की जमकर तारीफ की है. उन्होंने सहवाग को गेम चेंजर करार देते देते हुए कहा कि उन्हें उतनी तारीफ नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी. अगर वो किसी दूसरी टीम से खेलते तो वो टेस्ट में 10 हजार से ज्यादा रन बनाते.
ये बातें उन्होंने यू ट्यूब चैनल के माध्यम से पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार डॉक्टर नुमान नियाज से बात चीत के दौरान कही. बातचीत में उस पत्रकार ने कहा कि सहवाग को शोएब अख्तर बेहद पसंद करते थे. उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार है. शोएब अख्तर कहते थे कि उनके पांव नहीं हिलते थे, जिस पर लतीफ कहते हैं कि हमारे क्रिकेटर के भी तो पैर नहीं हिलते हैं जिसका मुझे दुख है लेकिन अगर हम सहवाग की बात करें तो उनका हैंड आई कॉर्डिनेशन बहुत शानदार था, साथ ही उनकी टैक्नीक भी शानदार थी. जिस वजह से वह कट शॉट, बैक फुट पंच और पुल शॉट अच्छा खेलते थे.
टेस्ट में उन्होंने 2-2 तिहरे शतक लगाए हैं इसके बावजूद लोग उन्हें लिमिटेड ओवर क्रिकेट का खिलाड़ी मानते हैं. लतीफ ने आगे कहा उस दौर में सचिन, राहुल जैसे लोगों के छत्र छाया में खेले. अगर वीरेंद्र सहवाग जैसा खिलाड़ी अगर किसी और मुल्क से खेलता तो वो 8 नहीं बल्कि 10 हजार रन बनाता. आईसीसी ने जो मापदंड सेट किया है कि जो बल्लेबाज 10 हजार रन बनाया है वो महान है वो गलत है, आप अरविंद डिसिल्वा और जावेद मियांदाद के रिकॉर्ड देख लीजिए न.
उन्होंने 10 हजार रन नहीं बनाए तब भी वो महान खिलाड़ी के लिस्ट में आते हैं. सहवाग की अच्छी बात ये है कि वो हावी होने के लिए खेलते हैं जो दूसरे खिलाड़ियों से उन्हें अलग बनाता है. उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप के मैच को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शुरुआत से ही अटैक कर दिया था. जहां दूसरे खिलाड़ी ऐसा करने से डरते थे लेकिन सहवाग वो बल्लेबाज थे जो डरते नहीं डराते थे. उनके पांव भले ही ज्यादा न चलते थे लेकिन वो परफेक्ट थे.