Mohammed Shami: भारतीय क्रिकेट और राजनीति का एक बार फिर टकराव देखने को मिल रहा है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर तीखी टिप्पणी करने के बाद अब मोहम्मद शमी पर टिप्पणी की है. हालांकि, इस बार विवादित टिप्पणी के बजाय तेज गेंदबाज शमी के समर्थन में बयान दिया है. उन्होंने रमजान के दौरान शमी के रोजा न रखने का समर्थन किया. साथ ही मौलाना को अपराधी करार दिया है.
यह भी पढ़ें- हिटमैन पर उठे सवाल, तो सूर्यकुमार ने दिखाया आईना, रोहित शर्मा के लिए कही दिल छू लेने वाली बात
खेल और धर्म को अलग रखना चाहिए- शमा मोहम्मद
विवाद तब शुरू हुआ जब ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया कि शमी ने रमजान का अपमान किया है. उन्होंने यह टिप्पणी शायद उस समय की जब ICC चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले के दौरान शमी को एनर्जी ड्रिंक पीते देखा गया. उनके इस बयान से क्रिकेट जगत और फैंस में आक्रोश फैल गया. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि खेल और धर्म को अलग रखना चाहिए, खासकर जब खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हो और उसके लिए 100 फीसदी देना जरूरी हो.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी:
Girl Marriage With Dog Video: कुत्ते संग 11 महीने की बच्ची की शादी, हो जनजाति की अनोखी परंपरा
शमा मोहम्मद ने शमी का किया समर्थन
जिस तरह उन्होंने रोहित शर्मा पर उनकी फिटनेस के लिए निशाना साधा था, अब शमा मोहम्मद ने मोहम्मद शमी का बचाव किया और मौलाना के बयान को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि “इस्लाम में यह अनिवार्य नहीं है कि जब आप यात्रा कर रहे हों या कोई कठिन शारीरिक परिश्रम कर रहे हो, तब भी आपको रोजा रखना होगा. शमी देश के लिए खेल रहे हैं और यह बहुत वैज्ञानिक दृष्टिकोण है कि खेलते समय रोजा न रखना जायज है.” उन्होंने आगे यह भी कहा,”आपके कर्म ज्यादा मायने रखते हैं, सिर्फ रोजे रखने से कोई ज्यादा धार्मिक नहीं हो जाता. इस्लाम में लचीलापन है और यह विज्ञान के अनुरूप है.”
रोहित पर हमला, शमी पर सहानुभूति
शमा मोहम्मद के ये दो विपरीत बयान सवाल खड़े करते हैं. जब रोहित शर्मा की बात आई, तो उन्होंने उनकी फिटनेस पर सवाल उठाते हुए कड़ी आलोचना की थी. यहां तक कह दिया कि वह “भारत के सबसे खराब कप्तान” हैं. इस बयान ने जबरदस्त विवाद खड़ा कर दिया, जिससे कांग्रेस को उन्हें पोस्ट हटाने के लिए मजबूर करना पड़ा. जब मोहम्मद शमी को धार्मिक कट्टरता का सामना करना पड़ा, तो वह तुरंत उनके समर्थन में कूद पड़ीं और उन्हें बचाने लगीं.
इनपुट- आशीष राज
यह भी पढ़ें- फाइनल में आते ही ‘बाली’ बन जाता है न्यूजीलैंड, विपक्षी टीम की खींच लेता है आधी ताकत