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MS Dhoni-Ishant: जब खुद को मैच की हार का दोषी मानते थे इंशात शर्मा, एक महीने तक राेते रहे, तब माही भाई ने..

Ishant Sharma: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने अपनी करियर के सबसे बूरे दौर को याद किया जब वह एक महीने तक हर दिन राेते रहे थे. ऐसे में उन्हें टीम के कप्तान एमएस धोनी और शिखर धवन ने समझाया था.

MS Dhoni-Ishant Sharma: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इंशात शर्मा इन दिनों टीम से बाहर चल रहे हैं. हालांकि, उन्हें अब भी टीम में वापसी की पूरी उम्मीद है. वहीं, इंशात शर्मा ने हाल ही में एक शो के दौरान अपने करियर के सबसे खराब पल को याद करते हुए बड़ा खुलासा किया है. जिसकी वजह से वह एक महीने तक रोए थे और खुद को टीम की हार का कारण भी मानते रहे. बता दें कि इशांत कुछ तेज गेंदबाजों में शामिल हैं जिन्होंने 100 टेस्ट खेले हैं. उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 311 विकेट दर्ज हैं.

‘मैं लगभग एक महीने तक रोता रहा’: इंशान शर्मा

क्रिकबज के ‘राइज ऑफ न्यू इंडिया’ शो पर बोलते हुए, ईशांत शर्मा ने जार्ज बेली के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ 2013 वनडे मैच को करियर का सबसे खराब पल बताया, जिसमें उन्हें एक ही ओवर में जेम्स फॉकनर ने 30 रन जड़े थे, इस ओवर में 4 छक्के और एक चौका लगा था. उन्होंने कहा, ‘मेरा सबसे खराब लम्हा 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में हुआ मैच था. मुझे नहीं पता कि इससे बुरा पल मेरे लिए कभी हो सकता है या नहीं, क्योंकि मैंने बहुत रन दिए. जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई वह यह थी कि मैं टीम की हार का कारण था. मैं उस समय अपनी पत्नी को डेट कर रहा था और मैंने उससे बात की और फिर लगभग एक महीने तक रोता रहा. मैं उसे कॉल करता और हर दिन रोता.’

ईशांत के एक ओवर में बने थे 30 रन

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया की टीम मैच के आखिरी में काफी मुश्किल में थी. उसे जीत के लिए आखिरी तीन ओवरों में 44 रनों की जरूरत थी. हाथ में चार विकेट थे. लेकिन जेम्स फॉकनर ने ईशांत के ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 30 रन जड़ दिए और तीन गेंद शेष रहते मैच जीत लिया.

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धोनी और धवन ने कमरे में आकर समझाया

इशांत ने आगे खुलासा किया कि कैसे तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी और टीम के साथी शिखर धवन उनके कमरे में आए और उन्हें समझाया. हालांकि, उन्होंने महसूस किया कि मैच ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वह सफेद गेंद का गेंदबाज नहीं है. उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह हुई कि माही भाई (एमएस धोनी) मेरे कमरे में आये और शिखर (धवन), जो उस खेल को खेल रहे थे, वह भी आये और कहा, ‘देखो, तुम अच्छा कर रहे हो (देख, तू अच्छा खेल रहा है). इसके बाद मैं सामान्य हुआ.’

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