पर्थ में मिली करारी हार के बावजूद इंग्लैंड तेज गेंदबाज मार्क वुड (Mark Wood) को भरोसा है कि टीम एशेज 2025 (Ashes 2025) के बाकी मुकाबलों में मजबूती से वापसी कर सकती है. पर्थ टेस्ट में इंग्लैंड के पास 105 रन की बढ़त और नौ विकेट हाथ में थे, लेकिन अचानक बल्लेबाजों के विकेट गिरने से मैच ऑस्ट्रेलिया की तरफ मोड़ गया. ट्रेविस हेड (Travis Head) की तेज तर्रार 123 रन की पारी ने इंग्लैंड को पूरी तरह दबाव में डाल दिया. वुड का कहना है कि टीम को अब ज्यादा तेजी के साथ उतरना होगा और आगले चार टेस्ट मैचों में जवाब देना होगा.
इंग्लैंड की करारी हार पर बोले वुड
मार्क वुड ने माना कि पर्थ टेस्ट का नतीजा टीम के लिए काफी तकलीफदेह रहा. उन्होंने कहा कि ऐसी हार के बाद टीम को एकजुट रहकर आगे बढ़ना चाहिए. वुड ने बताया कि फैन्स की निराशा स्वाभाविक है और खिलाड़ी भी उतने ही हताश महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ पॉडकास्ट में कुछ बोल देने से हालात नहीं सुधर सकते, बल्कि टीम को मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करके ही विश्वास वापस जीतना होगा. उनके मुताबिक यह सीरीज का पहला मैच है और अभी चार मुकाबले बाकी हैं जिनमें वापसी संभव है.
मैच में इंग्लैंड की स्थिति कैसे बिगड़ी?
पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 132 रन पर रोक दिया था. दूसरी पारी की शुरुआत में इंग्लैंड बेहद मजबूत स्थिति में था, लेकिन अचानक बल्लेबाजी लड़खड़ा गई और पूरी टीम 164 रन पर ढेर हो गई. यही वह मोड़ था जहां से ऑस्ट्रेलिया ने मैच पर पकड़ बनाई. वुड ने कहा कि टीम को इस गिरावट से सीख लेकर बाकी टेस्टों में बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी.
तेज गेंदबाजी आक्रमण पर वुड का पूरा भरोसा
वुड ने इंग्लैंड की गेंदबाजी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह आक्रमण ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में 20 विकेट निकालने की पूरी क्षमता रखता है. उन्होंने खास तौर पर ब्रायडन कार्स की गेंदबाजी की सराहना की. वुड के मुताबिक कार्स ने लगातार गति और अनुशासन के साथ गेंदबाजी की और हर समय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया. गस एटकिंसन ने भले ही विकेट नहीं लिया, लेकिन उनकी गेंदों ने कई बार बल्लेबाजों को चकमा दिया. जॉफ्रा आर्चर की शुरुआती स्पेल की भी उन्होंने तारीफ की, जिसे उन्होंने काफी घातक बताया.
डे नाइट टेस्ट में गेंदबाजी की रणनीति
वुड ने बताया कि डे नाइट टेस्ट की परिस्थितियों में रात के समय गेंद अधिक मूव करती है. उनके मुताबिक जब गेंद पेस के साथ मूव करे तो बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल पैदा होती है. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की गेंदबाजी इकाई इस परिस्थिति का फायदा उठाने में सक्षम है और टीम को आने वाले मैचों में इसे रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए. वुड ने भरोसा जताया कि टीम इस अनुभव से सीखकर आगे बेहतर प्रदर्शन करेगी.
वुड की सीमित गेंदबाजी
मार्क वुड ने पर्थ टेस्ट में सिर्फ 11 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन उनकी रफ्तार और तीखे स्पेल चर्चा का विषय रहे. वे विकेट तो नहीं ले सके, लेकिन लगातार तेज गेंदबाजी से उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को असहज किया. आगले टेस्ट मैचों में उनसे अधिक स्पेल की उम्मीद की जा सकती है. वुड ने कहा कि टीम के खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को अब मिलकर आगे की तैयारियां करनी होंगी और शुरुआती हार को पीछे छोड़कर नए सिरे से शुरुआत करनी होगी.
ये भी पढ़ें-
ऋषभ पंत और जुरेल ने फेंक दिए अपने विकेट, अब वॉशिंगटन सुंदर कर रहे तरफदारी
गंभीर पर भड़के पूर्व कोच रवि शास्त्री, बल्लेबाजी में म्यूजिकल चेयर खेलने पर हुए नाराज

