Jemimah Rodrigues Got Emotional: डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में खेले गए महिला विश्व कप 2025 (Women’s World Cup 2025) के दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बना ली. इस जीत की सबसे बड़ी हीरो रहीं जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues), जिन्होंने अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली. जेमिमा ने नाबाद 127 रनों की शानदार पारी खेलते हुए भारत को 339 रनों के विशाल लक्ष्य तक पहुंचाया. यह जीत न सिर्फ भारतीय महिला क्रिकेट के लिए बल्कि जेमिमा के लिए भी भावनाओं से भरी कहानी बन गई.
जेमिमा की करिश्माई पारी
ऑस्ट्रेलिया के 338 रनों के जवाब में भारत ने 48.3 ओवर में 5 विकेट खोकर 341 रन बनाकर मैच जीत लिया. जेमिमा रोड्रिग्स ने 134 गेंदों में नाबाद 127 रन बनाए, जिसमें 14 चौके शामिल थे. उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) के साथ 167 रनों की साझेदारी की. यह पारी खास इसलिए भी रही क्योंकि शुरुआती तीन मैचों में जेमिमा का बल्ला शांत था और उन्हें एक मैच में बाहर भी बैठना पड़ा था. लेकिन सेमीफाइनल जैसे बड़े मुकाबले में उन्होंने शानदार वापसी की और टीम को फाइनल तक पहुंचा दिया.
जेमिमा का इमोशनल मैसेज
जेमिमा ने मैच के बाद कहा पिछला महीना मेरे लिए बहुत कठिन था. मैंने लगभग हर दिन रोया. मानसिक रूप से कमजोर महसूस कर रही थी, लेकिन ईश्वर ने सब संभाल लिया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें खुद पर भरोसा नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, आत्मविश्वास लौटता गया. जेमिमा की यह वापसी साबित करती है कि कठिन समय में विश्वास और हिम्मत ही सबसे बड़ा हथियार होता है.
नंबर 3 पर बल्लेबाजी का मौका
रोचक बात यह रही कि जेमिमा को खुद नहीं पता था कि वे नंबर 3 पर बल्लेबाजी करेंगी. उन्होंने बताया मैं नहाने गई थी और तभी बताया गया कि मुझे तीसरे नंबर पर उतरना है. मेरे पास तैयारी का वक्त भी नहीं था. लेकिन मैंने ठाना कि टीम के लिए खेलना है, खुद के लिए नहीं. इस सहज रवैये और जुझारू सोच ने उनकी पारी को और भी खास बना दिया. उन्होंने दबाव में भी संयम बनाए रखा और टीम को जीत की राह पर आगे बढ़ाया.
साथियों का योगदान
जेमिमा ने अपनी सफलता का श्रेय पूरी टीम को दिया. उन्होंने कहा कि हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा और बाकी खिलाड़ियों ने लगातार उन्हें प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा जब मैं थक रही थी, दीप्ति हर गेंद पर मुझसे बात करती और हौसला देती. यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरी टीम की है. मैदान में मौजूद दर्शकों का उत्साह भी जेमिमा के लिए बड़ी प्रेरणा बना. हर चौके-छक्के पर गूंजती आवाजें उन्हें आगे बढ़ाती रहीं.
आस्था और आत्मविश्वास का संदेश
जेमिमा ने अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर और अपने परिवार को दिया. उन्होंने कहा मैंने बस वही किया जो मुझसे हो सकता था. बाकी सब भगवान ने संभाल लिया. मैंने खुद से कहा कि शांत रहो और भरोसा रखो. यह पारी न केवल एक बल्लेबाज की जीत थी, बल्कि विश्वास, समर्पण और मेहनत की मिसाल थी.
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