Harbhajan Singh lashed out at Pitch: भारत और दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया पहला टेस्ट मैच महज तीन दिनों में खत्म हो गया. 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम सिर्फ 93 रन पर ढेर हो गई और 30 रनों से हार झेलनी पड़ी. इस हार के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने पिच की जमकर आलोचना की और कहा कि ऐसी विकेटें टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ खिलाड़ियों के विकास को भी नुकसान पहुंचा रही हैं.
हरभजन सिंह बोले- टेस्ट क्रिकेट का विनाश
हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि ईडन गार्डन्स जैसी कम तैयार और गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार पिचें टेस्ट क्रिकेट की असली खूबसूरती को खत्म कर रही हैं. उनके अनुसार, जब मैच तीसरे दिन से पहले ही खत्म हो जाए तो यह खेल के सबसे लंबे प्रारूप की भावना के खिलाफ है. भज्जी ने कहा कि पिछले कई सालों से भारत में ऐसी पिचें बन रही हैं, जिन पर बल्लेबाज टिक ही नहीं पाते. इससे न तो दर्शकों को मजा आता है और न ही खिलाड़ियों को अपने स्किल को निखारने का मौका मिलता है. उनके मुताबिक यह टेस्ट क्रिकेट को पूरी तरह बर्बाद करने जैसा है.
जीत के बाद किसी को समस्या नहीं दिखती
हरभजन ने साफ कहा कि अक्सर लोग अपनी टीम की जीत देखकर पिच की खराबी को नजरअंदाज कर देते हैं. जब घरेलू टीम जीतती है तो हर चीज सही मानी जाती है. कोई गेंदबाज विकेट ले रहा होता है तो उसे महान बताया जाता है, जबकि असलियत यह है कि विकेट पिच की वजह से मिल रहे होते हैं. उन्होंने कहा कि जब टीम जीतती है, कोई सवाल नहीं उठाता. सबको लगता है सब कुछ ठीक चल रहा है. लेकिन यह सही तरीका नहीं है. यह एक गंभीर समस्या है जिसके बारे में बात होनी चाहिए.
खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ रहे
पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने खिलाड़ियों के विकास पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ऐसी पिचों पर खेलने से खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ते. बल्लेबाजों को असली चुनौती तब मिलती है जब वे सामान्य परिस्थितियों में तकनीक के दम पर रन बनाते हैं, न कि ऐसी विकेटों पर जहां गेंद एक-एक कर सबको धोखा दे. उनके अनुसार, आप जीत तो रहे हैं लेकिन असल फायदा नहीं हो रहा. क्रिकेटर के रूप में आप आगे नहीं बढ़ रहे. आप बस चक्की में बंधे बैल की तरह एक ही जगह घूम रहे हैं. न कौशल विकसित हो रहा, न अनुभव बढ़ रहा.
बल्लेबाजों को हो रही थी दिक्कत
भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजों के संघर्ष पर हरभजन ने कहा कि पिच इतनी मुश्किल थी कि बल्लेबाज समझ ही नहीं पा रहे थे कि रन कैसे बनाए जाएं. कई खिलाड़ी पिच की अनियमित उछाल की वजह से आउट हुए, न कि अपनी गलती से. उन्होंने कहा बल्लेबाज ऐसे दिख रहे थे जैसे उन्हें बल्लेबाजी करना ही नहीं आती. स्किल नहीं, पिच खिलाड़ियों को आउट कर रही थी. यह देखकर दुख होता है कि टेस्ट क्रिकेट किस दिशा में जा रहा है. हमें सोचना होगा कि ऐसी पिचें हमें कहां लेकर जा रही हैं.
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