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पाकिस्तान के 50 खिलाड़ियों की घनघोर बेइज्जती, The Hundred में रह गए अनसोल्ड, भारत है कारण? 

The Hundred: इंग्लैंड की द हंड्रेड लीग में पाकिस्तान के 50 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. लेकिन उनमें से किसी भी खिलाड़ी को खरीदने में फ्रेंचाइजी ने रुचि नहीं दिखाई. इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करने पर भारत की IPL फ्रेंचाइजी भी नजर आती है. No Pakistani Player in The Hundred.

The Hundred ड्राफ्ट में पाकिस्तान के 50 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.  इनमें 45 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल थीं. लेकिन लीग की नीलामी में ये सभी खिलाड़ी बिना खरीदार रहे. इस ड्राफ्ट में पाकिस्तान के कई बड़े नामों को भी टीमों ने नजरअंदाज कर दिया, जिससे क्रिकेट प्रेमियों को बड़ा झटका लगा. यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है. पाकिस्तान के कई बडे़ स्टार खिलाड़ियों ने इसमें अपना नाम दर्ज कराया था, लेकिन किसी को खरीदने में फ्रेंचाइजी ने रुचि नहीं दिखाई.  

महिला खिलाड़ियों के पूल में पाकिस्तान की आलिया रियाज, फातिमा सना, युसरा आमिर, इरम जावेद और जावेरिया रऊफ को किसी भी टीम ने नहीं चुना. महिलाओं के पूल में कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते ये खिलाड़ी बिना किसी डील के रह गईं. पुरुष खिलाड़ियों में भी कई बड़े नाम बिना खरीदार रहे. मोहम्मद आमिर, इमाद वसीम, सैम अयूब, शादाब खान और हसन अली जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी इस बार द हंड्रेड में अपनी जगह नहीं बना सके. हालांकि, तेज गेंदबाज नसीम शाह को सबसे अधिक कीमत पर खरीदा गया.

हालांकि पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ-साथ इंग्लैंड के स्टार गेंदबाज जेम्स एंडरसन और रॉकी फ्लिंटॉफ को भी कोई खरीददार नहीं मिला. एंडरसन को आईपीएल में भी में नजरअंदाज किया गया, उन्होंने अंतिम समय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. जबकि एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बेटे रॉकी को भी उनके देश की लीग ने खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखाई. 

हालांकि पाकिस्तान के खिलाड़ियों की अपेक्षा अन्य देशों के खिलाड़ियों ने इस ड्राफ्ट में शानदार डील हासिल की. जिसमें अफगानिस्तान के स्पिनर नूर अहमद को मैनचेस्टर ओरिजिनल्स ने खरीदा. तो न्यूज़ीलैंड के ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल को सदर्न ब्रेव ने अपने दल में शामिल किया. वहींं आईपीएल में अनसोल्ड रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डेविड वार्नर को लंदन स्पिरिट ने टीम में लिया.

पीसीबी ने खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी कटौती की

इस बीच, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के एक फैसले ने घरेलू क्रिकेटरों के बीच चिंता बढ़ा दी है. पीसीबी ने लागत में कटौती के नाम पर घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में भारी कमी की है, जिससे खिलाड़ियों और खेल से जुड़े अन्य लोगों में नाराजगी है. पीसीबी ने राष्ट्रीय टी20 चैंपियनशिप में खेलने वाले खिलाड़ियों की मैच फीस को 1,00,000 रुपये से घटाकर मात्र 10,000 रुपये कर दिया है. रिजर्व खिलाड़ियों की फीस भी घटाकर केवल 5,000 रुपये प्रति मैच कर दी गई है. यह टूर्नामेंट 14 मार्च से शुरू हो रहा है.

मैच फीस के अलावा खिलाड़ियों की सुविधाओं में भी कटौती की जा रही है. पहले जहां खिलाड़ियों को पांच सितारा और चार सितारा होटलों में रुकने की सुविधा दी जाती थी, अब उन्हें सस्ते होटलों में ठहराया जा रहा है. खिलाड़ियों की हवाई यात्रा की सुविधा भी सीमित कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, खिलाड़ियों और अंपायरों को पिछले सीजन का बकाया भुगतान अब तक नहीं किया गया है. पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों के लिए वार्षिक पेंशन वृद्धि भी अब तक लागू नहीं की गई है, जबकि यह पीसीबी की नीति के तहत अनिवार्य है.

पीसीबी के इन फैसलों से घरेलू खिलाड़ियों का मनोबल गिर सकता है. अगर यह स्थिति जारी रही, तो पाकिस्तान में क्रिकेट का भविष्य संकट में पड़ सकता है. खिलाड़ियों और कोचों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और पीसीबी से जल्द समाधान की मांग की है. द हंड्रेड ड्राफ्ट में पाकिस्तान के खिलाड़ियों का अनदेखा होना और पीसीबी के फैसलों से पैदा हुए संकट ने पाकिस्तान क्रिकेट की मौजूदा स्थिति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.  

The Hundred में पाकिस्तानी खिलाड़ी नहीं, क्या हैं कारण? 

हालांकि इस अनदेखी का कारण लीग का निजीकरण और खिलाड़ियों की उपलब्धता मानी जा रही है. द हंड्रेड लीग की आठ फ्रेंचाइजियों में से चार में अब आईपीएल (IPL) टीम मालिकों का निवेश है, जिससे पाकिस्तानी खिलाड़ियों के चयन पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ा हो सकता है. मुंबई इंडियंस के मालिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ओवल इनविंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी खरीदी है, जबकि लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक आरपीएसजी ग्रुप ने मैनचेस्टर ओरिजिनल्स में 70% हिस्सेदारी ली है. सनराइजर्स हैदराबाद के मालिक सन ग्रुप ने नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स में 100% हिस्सेदारी हासिल की है, वहीं दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक जीएमआर ग्रुप ने साउदर्न ब्रेव में 49% हिस्सेदारी ली है और हैम्पशायर को भी नियंत्रण में ले लिया है.

2008 के आईपीएल के पहले सीजन के बाद से पाकिस्तानी खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध है. उस समय शोएब अख्तर ने कोलकाता नाइट राइडर्स और शाहिद अफरीदी ने डेक्कन चार्जर्स का प्रतिनिधित्व किया था. लेकिन 26/11 के मुंबई हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हो गए, जिससे पाकिस्तान के खिलाड़ियों के लिए आईपीएल के दरवाजे बंद हो गए. वसीम अकरम और रमीज राजा ने कुछ समय तक कोच और कमेंटेटर के रूप में आईपीएल से जुड़े रहे, लेकिन बाद में यह भी समाप्त हो गया.

दक्षिण अफ्रीका की टी20 लीग (SA20) में सभी छह फ्रेंचाइजियां आईपीएल मालिकों के स्वामित्व में हैं, और वहां भी एक भी पाकिस्तानी खिलाड़ी को मौका नहीं मिला. इसके अलावा, पाकिस्तान को जुलाई-अगस्त में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे और तीन टी20 मैच खेलने हैं. इसके बाद अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज और एशिया कप की तैयारी के कारण खिलाड़ियों की उपलब्धता भी सीमित है.

फ्रेंचाइजियों और ईसीबी ने इस स्थिति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि, निजीकरण और खिलाड़ियों की व्यस्तता पाकिस्तानी खिलाड़ियों की अनदेखी का मुख्य कारण मानी जा रही है. अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इस स्थिति से कैसे निपटता है और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए विदेशी लीग के अवसर कैसे सुनिश्चित करता है.

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