ED News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सट्टेबाजी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत सुरेश रैना और शिखर धवन दोनों की 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है. इससे पहले, ईडी ने सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म 1xBet से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को तलब किया था. पूर्व ओपनर धवन का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जाएगा. ईडी धवन के एंडोर्समेंट सौदों के जरिए 1xBet से संभावित संबंधों की जांच कर रहा है. इस सट्टेबाजी ऐप पर उपयोगकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने और बड़ी कर चोरी करने का आरोप है. ED seized assets worth over Rs 11 crore of Shikhar Dhawan and Suresh Raina
अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ा है पूरा मामला
यह जांच भारत में चल रहे अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई का हिस्सा है. इन प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर धोखाधड़ी वाली योजनाएं चलाने और बड़ी मात्रा में अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने के आरोप में जांच की जा रही है. इसी मामले में ईडी ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना से भी आठ घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी. भारत के लिए सभी प्रारुपों में खेल चुके रैना की सट्टेबाजी ऐप के साथ उनकी प्रचार गतिविधियों के लिए जांच की गई. यह जांच क्रिकेटरों से आगे बढ़कर टेक कंपनियों गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों तक भी पहुंची और ईडी ने उनसे भी पूछताछ की है.
रैना और धवन पर ईडी का बड़ा आरोप
ईडी के अनुसार, रैना और धवन दोनों ने 1xBet से जुड़ी विदेशी संस्थाओं के साथ समर्थन समझौते किए थे, जो अवैध सट्टेबाजी मंच और इसके सरोगेट ब्रांडों को बढ़ावा दे रहे थे. जांच से पता चला कि इन प्रचारों के लिए भुगतान विदेशी संस्थाओं के माध्यम से किया गया था, जिसमें धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए कई लेवल पर लेनदेन का उपयोग किया गया था. ईडी अधिकारियों ने कहा कि क्रिकेटरों ने ‘जानबूझकर ये समझौते किए, जबकि उन्हें पता था कि 1xBet भारत में काम करने के लिए अधिकृत नहीं है.’ कथित तौर पर यह धनराशि भारतीय खातों में भेजे जाने से पहले कई विदेशी बिचौलियों के माध्यम से स्थानांतरित की गई, जिससे यह वैध लगने लगे.
लेनदेन के लिए 6,000 से ज्यादा mule accounts का इस्तेमाल
यह जांच 1xBet के संचालकों के खिलाफ विभिन्न राज्य पुलिस एजेंसियों द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर पर आधारित है. जांच से पता चला है कि कंपनी हजारों खच्चर खातों (mule accounts) और असत्यापित भुगतान गेटवे के माध्यम से भारतीय उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सट्टेबाजी की सुविधा प्रदान कर रही थी. एजेंसी के अनुसार, भारतीय उपयोगकर्ताओं से जमा राशि एकत्र करने के लिए 6,000 से ज्यादा mule accounts का इस्तेमाल किया गया. फिर धन को कई स्तरों के लेन-देन से गुजारा गया और उसे वैध दिखाने के लिए रूपांतरित किया गया. ईडी ने कहा कि धन की आवाजाही के पैटर्न और फर्जी व्यापारी प्रोफाइल से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिलते हैं.
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