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बीसीसीआई लागू करेगा रोटेशन पॉलिसी, अहम मुकाबलों को छोड़कर सीनियर खिलाड़ियों को मिलेगा आराम

रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई इसीबी की तरह रोटेशन पॉलिसी लागू करने की तैयारी में है. जिसकी शुरुआत न्यूजीलैंड सीरीज से ही हो जाएगी.

टी20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया के बाहर होने के बाद सीनियर खिलाड़ियों ने बायो बबल को लेकर बड़ा बयान दिया. स्पिनर आर अश्विन और कप्तान विराट कोहली ने टीम की हार के लिए बायो बबल को बड़ा कारण बताया था. जिसके बाद जैविक रूप से सुरक्षित माहौल को लेकर चर्चा तेज हो गयी.

सीनियर खिलाड़ियों की शिकायत के बाद आखिरकार बीसीसीआई ने इस मामले में ध्यान देने की तैयारी कर ली है. इनसाइड स्पोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई इसीबी की तरह रोटेशन पॉलिसी लागू करने की तैयारी में है. जिसकी शुरुआत न्यूजीलैंड सीरीज से ही हो जाएगी.

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क्या है रोटेशन पॉलिसी

2022-23 सीजन में टीम इंडिया को कई सारे टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है. वैसे में खिलाड़ियों को लंबे समय तक बायो बबल के अंदर समय गुजारना पड़ेगा. वैसे में खिलाड़ियों को बायो बबल में होने वाली थकान से राहत देने के लिए बीसीसीआई रोटेशन पॉलिसी लागू करने की तैयारी में है. जिसमें अहम मुकाबलों को छोड़कर सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाएगा.

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न्यूजीलैंड सीरीज में सीनियर खिलाड़ियों को दिया गया आराम

टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की हार के बाद 17 नवंबर से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड सीरीज के लिए विराट कोहली, मोहम्मद शमी जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है.

विराट कोहली और आर अश्विन ने वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के लिए बायो बबल को ठहराया था जिम्मेदार

टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के लिए कप्तान विराट कोहली और आर अश्विन ने बायो बबल को जिम्मेदार ठहराया था. अश्विन ने बताया था कि वो 6 महीने से अपने परिवार वालों से दूर हैं. जबकि विराट कोहली और रवि शास्त्री ने भी कहा था कि खिलाड़ियों को लंबे समय से बायो बबल में रखने से उसके प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. शास्त्री ने तो यहां तक कह दिया था कि खिलाड़ी कोई मशीन नहीं कि पेट्रोल डालो और खिलाड़ी भागना शुरू कर देगा.

क्या है बायो बबल

दरअसल कोरोना महामारी में खिलाड़ियों को संक्रमण से मुक्त रखने के लिए जैविक रूप से सुरक्षित माहौल तैयार किया जाता है. जिसमें खिलाड़ियों को कई नियम और निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करना होता है. खिलाड़ी बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे होते हैं. न तो वो किसी से मिल सकते हैं और न ही उनसे कोई. खिलाड़ियों की जिंदगी स्टेडियम से होटल तक सीमित हो जाती है.

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