नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कई खिलाडियों द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जता दी जिसमें बीसीसीआई के संबंध में शीर्ष अदालत से नियुक्त न्यायामूर्ति आर एम लोढ़ा पैनल की कई सिफारिशों को अन्य खेल संस्थाओं पर भी लागू करने की अपील की गयी है.
प्रधान न्यायधीश जे एस खेहर ने केंद्र, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ को नोटिस जारी किये और इस याचिका को भारतीय क्रिकेट बोर्ड में आमूलचूल बदलावों से जुड़े वर्तमान याचिका के साथ जोड़ा. याचिका में बीसीसीआई में ढांचागत सुधारों के संबंध में लोढा पैनल की कुछ सिफारिशों को 2011 की भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता में शामिल करने के लिये केंद्र को निर्देश देने की भी अपील की है. यह याचिका विभिन्न खेलों से जुड़े 28 खिलाडियों ने दायर की है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल महासंघों और उनकी संबंधित राज्य इकाईयों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये सरकार को लोढ़ा पैनल की कुछ सिफारिशों को राष्ट्रीय खेल संहिता में शामिल करने के निर्देश दिये जाने चाहिए. लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की. इसके अनुसार मंत्री पदाधिकारी नहीं बन सकते.
पदाधिकारियों के लिये अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तय कर दी गयी है और इसके साथ ही उनके लिये अधिकतम नौ साल का कार्यकाल तय किया गया है. जिन खिलाडियों ने यह याचिका दायर की है उनमें अशोक कुमार, बिशन सिंह बेदी, कीर्ति आजाद, अश्विनी नाचप्पा और प्रवीण ठिप्से भी शामिल हैं.