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बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में होगी लोकपाल की नियुक्ति

मुंबई : शशांक मनोहर के इस महीने पुन: बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के बाद की गई घोषणाओं पर कदम उठाते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने यहां नौ नवंबर को अपने मुख्यालय में होने वाली वार्षिक आम बैठक में लोकपाल की नियुक्ति की तैयारी पूरी कर ली है. नैतिक अधिकारी या लोकपाल की नियुक्ति वार्षिक आम […]

मुंबई : शशांक मनोहर के इस महीने पुन: बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के बाद की गई घोषणाओं पर कदम उठाते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने यहां नौ नवंबर को अपने मुख्यालय में होने वाली वार्षिक आम बैठक में लोकपाल की नियुक्ति की तैयारी पूरी कर ली है.

नैतिक अधिकारी या लोकपाल की नियुक्ति वार्षिक आम बैठक में बीसीसीआई के ‘मेमोरेंडम आफ रुल्स एंड रेगुलेशन’ में प्रस्तावित बडे बदलाव में से एक है. प्रस्तावित नियम के अनुसार बीसीसीआई की आम सभा ‘प्रशासक द्वारा हितों के टकराव और अनुशासन या गलत आचरण या बोर्ड के नियम और शर्तों के उल्लंघन से निपटने के लिए’ लोकपाल की नियुक्ति करेगी.
नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव बोर्ड अध्यक्ष के राष्ट्रीय चयन पैनल द्वारा चुनी गई प्रत्येक टीम को स्वीकृति देने से संबंधित भी है. इसी नियम के कारण महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी बची थी जब 2012 में आस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला 0-4 से गंवाने के बाद कृष्णमचारी श्रीकांत की अगुआई वाले पूर्व के चयन पैनल ने उन्हें वनडे कप्तान के रुप में हटा दिया था लेकिन बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने इस कदम का वीटो कर दिया.
मौजूद नियम के अनुसार, ‘‘चयन समिति द्वारा चुनी गई टीम के संयोजन को अध्यक्ष से स्वीकृति मिलनी चाहिए.” नियम में प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, ‘‘अध्यक्ष को अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर समय समय पर राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा चुनी गई टीम के संयोजन को स्वीकृति देनी चाहिए.”
चार अक्तूबर को बीसीसीआई प्रमुख बनने के बाद मनोहर की घोषणा के अनुसार नियमों में एक यह बदलाव भी प्रस्तावित है कि एजीएम सहित बैठक के अध्यक्ष के पास मौजूदा नियमों की तरह मत नहीं होगा. उसके पास सिर्फ निर्णायक वोट होगा जिसका इस्तेमाल सिर्फ जरुरत पडने पर किया जाएगा.
अभी किसी क्षेत्र का अतीत में प्रतिनिधि नहीं के बावजूद किसी को उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपाध्यक्ष चुन लिया जाता है लेकिन ऐसे प्रयासों को खत्म करने के लिए यह प्रस्ताव भी रखा जाएगा कि किसी क्षेत्र से उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवारी पेश करने का पात्र होने के लिए उम्मीदवार ने बोर्ड की कम से कम दो वार्षिक आम बैठक में इस सदस्य के प्रतिनिधि के रुप में पूर्ण सदस्य का प्रतिनिधित्व किया हो.
इसके अलावा पूर्ण सदस्यों, एसोसिएट और एफीलिएट सदस्यों के खातों का बीसीसीआई के स्वतंत्र आडिटर से आडिट और स्वतंत्र आडिटर के रिपोर्ट दिए जाने के बाद ही बीसीसीआई द्वारा भुगतान जारी करना शामिल है.
विभिन्न टूर्नामेंटों में प्रतिनिधित्व समाप्त होने के बाद सभी सदस्यों को खाते बीसीसीआई को जमा कराने के लिए 30 दिन की समय सीमा प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा उप समिति के सदस्यों की संख्या को आठ तक सीमित करने का भी प्रस्ताव है. फिलहाल राजीव शुक्ला की अगुआई वाली आईपीएल संचालन परिषद के एक दर्जन सदस्य हैं.
चेतन देसाई की अगुआई वाली मार्केटिंग समिति और संग्रहालय समिति में क्रमश: 29 और 13 सदस्य हैं जिसमें समंवयक और सचिव अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं. बदलाव के लिए एक अन्य प्रस्ताव यह है कि आईपीएल संचालन परिषद की नियुक्ति आम सभा द्वारा की जानी चाहिए और इसका कार्यकाल अगली एजीएम तक होना चाहिए.
संचालन परिषद में बोर्ड के पांच सदस्य होने चाहिए जिसमें से एक अध्यक्ष, तीन व्यक्ति वित्त…प्रशासन की विशेषज्ञता वाले और पदेन सदस्य के रुप में बीसीसीआई के पदाधिकारी होने चाहिए. आईपीएल के सभी फैसले बहुमत से लिए जाने चाहिए और मत बराबर होने पर अध्यक्ष अपना निर्णायक वोट दे सकता है.
इसके अलावा संचालन परिषद को आईपीएल के लिए अलग बैंक खाता खोलना चाहिए जिससे बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष चलाएं. एक अन्य प्रस्तावित नियम यह है कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी बोउर् में अध्यक्ष, प्रत्येक क्षेत्र से एक सदस्य और दो सेवानिवृत्त क्रिकेट होने चाहिए जबकि बीसीसीआई सचिव इसका समंवयक हो.
यह समिति एनसीए और क्षेत्री अकादमियों में कोचिंग कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार करेगी, कोचों और सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति करेगी, एनसीए के बजट को स्वीकृति देगी और क्षेत्रीय अकादमियों की गतिविधियों का समंवय करेगी.

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