नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में शुमार वीरेंद्र सहवाग ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग को अलविदा कह दिया जिससे उनके एक दशक के सुनहरे कैरियर का भी अंत हो गया. आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे सहवाग कल दुबई में एक समारोह के दौरान ही संन्यास के संकेत दे चुके थे और कुछ घंटे बाद ही उन्होंने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी.
उन्होंने एक बयान में कहा ,‘‘ मैने हमेशा वही किया जो मुझे सही लगा , वह नहीं जो परंपरावादियों को सही लगा. ईश्वर की हमेशा कृपा रही और मैनें वही किया जो मैं करना चाहता था. मैदान पर भी और अपने जीवन में भी. कुछ समय पहले ही मैनें तय किया था कि अपने 37वें जन्मदिन पर क्रिकेट को अलविदा कहूंगा. मैं यह दिन परिवार के साथ बिता रहा हूं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के हर प्रारुप और इंडियन प्रीमियर लीग को अलविदा कह रहा हूं.’
सहवाग ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की प्रशंसा करते हुए उन्हें महान खिलाड़ी बताया. सहवाग ने कहा, मैं गांगुली के त्याग को कभी नहीं भूल पाऊंगा. टेस्ट क्रिकेट में मुझे जगह देने में उनका अहम रोल रहा है. उन्होंने मुझमें विश्वास दिखाते हुए अपना स्थान( ओपनिंग) दिया. मैंने टेस्ट क्रिकेट में जो तीहरा शतक जमाया है उसका श्रेय सौरव को जाता है.
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इतने साल में क्रिकेट से जुड़ी सलाह देने वालों को धन्यवाद देना चाहता हूं और माफी मांगता हूं कि उनमें से अधिकांश पर मैनें अमल नहीं किया. मैनें अपने तरीके से खेला.’ सहवाग ने कहा कि अब वह झज्जर में अपने स्कूल में अधिक समय बितायेंगे. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं झज्जर स्थित सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में सभी को बताना चाहता हूं कि अब मैं वहां अधिक आया जाया करुंगा.’
उन्होंने कहा ,‘‘क्रिकेट मेरा जीवन रहा है और आगे भी रहेगा. भारत के लिये खेलने का सफर यादगार रहा और मैनें इसे अपने साथी खिलाडियों और भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिये यादगार बनाने की कोशिश की. मेरा मानना है कि मैं ऐसा करने में सफल रहा हूं.’ उन्होंने कहा ,‘‘ इसके लिये मैं अपने साथी खिलाडियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनमें से कुछ महानतम खिलाडियों में रहे. मैं अपने सभी कप्तानों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरा साथ दिया. मैं भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को भी धन्यवाद दूंगा.’
सहवाग ने इतने साल से मिल रहे सहयोग के लिये बीसीसीआई को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ को धन्यवाद देना चाहता हूं. खासकर अरुण जेटली को जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया. उन्होंने हमेशा हमारा फीडबैक मांगा और खिलाडी जो चाहते थे, वह किया.’ उन्होंने हरियाणा क्रिकेट संघ को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने दिल्ली टीम छोड़ने पर उन्हें अपनी टीम का कप्तान बनाया. उन्होंने आईपीएल टीम दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब को भी धन्यवाद दिया.
I hereby retire from all forms of international cricket and from the Indian Premier League. A statement will follow.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 20, 2015
My message. pic.twitter.com/al07Y5PsYF
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 20, 2015
गौरतलब है कि कल ऐसी खबरें आयी थीं कि वीरेंद्र सहवाग संन्यास की घोषणा कर सकते हैं, हालांकि बाद में इसे खारिज करने की खबरें भी आयी. लेकिन अंतत: सहवाग ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी.अपने समय के स्टार बल्लेबाज रहे सहवाग सचिन के साथ भारत की पारी की शुरुआत करते थे. उस वक्त मैदान पर क्रिकेट के बेहतरीन शॉट्स देखने को मिलते थे.
टेस्ट क्रिकेट में तीसरा शतक लगाने का रिकॉर्ड सहवाग के नाम है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में 319 रन बनाया था. उन्होंने 278 बॉल में 300 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया था. उनके नाम दो बार तिहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड है. वे विश्व के उन दो खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने दो बार एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक और टेस्ट मैच में तिहरा शतक जमाया है.
वर्ष 2005 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में सहवाग को टीम का उप कप्तान बनाया गया था, लेकिन खराब फॉर्म के कारण उन्हें 2006 में हटा दिया गया. वर्ष 2007 में सहवाग को एकदिवसीय मैच से बाहर कर दिया गया. कुछ समय बाद वे टेस्ट टीम से भी बाहर हो गये.
सहवाग ने अपने टेस्ट कैरियर में 104 मैच खेले हैं और 8,586 रन बनाये हैं, जिनमें 23 शतक और 32 अर्द्धशतक शामिल हैं. वहीं सहवाग ने 251 वनडे मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 8273 रन बनाये हैं, 15 शतक और 38 अर्द्धशतक के साथ.सहवाग दाहिने हाथ से अॅाफ स्पिन गेंदबाजी करते थे और उन्होंने अपने कैरियर में टेस्ट में 40 और वनडे में 96 विकेट लिये थे. सहवाग को क्रिकेट की दुनिया में वीरू के नाम से जाना जाता था. साथ ही उन्हें नजफगढ़ का नवाब भी कहा जाता है.