मीरपुर : भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गये पहले एकदिवसीय मैच के दौरान भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान के बीच हुई टक्कर के कारण दोनों खिलाड़ियों को आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.2.4 के तहत अपराध का दोषी पाया गया और दोनों पर मैच फीस का क्रमश: 75 फीसदी और 50 फीसदी का जुर्माना लगाया गया है.
इसी आधार पर मैंने धौनी पर 75 फीसदी का जुर्माना लगाया. शुरुआत में आरोपों से इनकार करने वाले मुस्ताफिजुर ने साक्ष्य पेश किये जाने के बाद प्रस्तावित धाराओं के तहत आरोप स्वीकार लिया.पायक्रोफ्ट ने कहा ,मुस्ताफिजुर पर उसके मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया. उसने यह स्वीकार कर लिया कि जिस तरह वह बल्लेबाज के रास्ते में आया वह गलत था और उसे संपर्क से बचने के लिए कुछ और करना चाहिए था.
उन दोनों पर यह आरोप फील्ड अंपायर राड टकर और एनामुल हक के अलावा तीसरे अंपायर अनिसुर रहमान और चौथे अंपायर मसादुर रहमान ने लगाया था.मैच रैफरी एंडी पायक्रोफ्ट ने कल रात भारतीय टीम मैनेजर बिस्वरुप डे को सुनवाई के बारे में बताने के लिए समन किया था. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार टीम प्रबंधन ने सामूहिक रूप से फैसला लिया था कि कप्तान को इस मामले में दोषी नहीं माना जायेगा क्योंकि उन्होंने गेंदबाज को जान बूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी. इसके बाद टीम ने आरोप का विरोध करने का फैसला लिया. सुबह टीम होटल में मैदानी अंपायर राड टकर और इनामुल हक को पायक्रोफ्ट ने बुलाया था जिसके बाद धौनी, डे और टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री को समन किया गया.
भारतीय तिकड़ी की सुनवाई के बाद मुस्ताफिजुर और बांग्लादेशी टीम मैनेजर खालिद महमूद सुजोन को बुलाया गया था.
मुस्ताफिजुर ने बांग्ला दैनिक प्रथोम आलो से कहा था , मैंने बीच में आकर गलती की थी. इससे पहले रोहित शर्मा की बल्लेबाजी के दौरान भी मुस्ताफिजुर बीच में आ गया था और उस पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया.